रांची : पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने 25 हजार नियुक्ति पत्र के वितरण को युवाओं के साथ छलावा बताया है़ कहा कि स्किल समिट के नाम पर जिन युवाओं को रोजगार देने का दावा किया जा रहा है, उन्हें किन कंपनियों में नौकरी दी गयी, उनकी सेवा कहां ली जायेगी और कितना वेतन मिलेगा, सरकार इसका खुलासा करे़ इस संबंध में सरकार को श्वेत पत्र जारी करनी चाहिए,
ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके़
दावा कुछ और, सच्चाई कुछ और : श्री सहाय ने कहा कि सरकार ने दावा किया है कि रोजगार पाकर युवा बहुत खुश है़ं लेकिन सच्चाई यह है कि जिस तरह से निजी कंपनियों की ओर से 6 से 10 हजार रुपये के मानदेय पर बेंगलुरु, अहमदाबाद, दिल्ली और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में युवाओं को काम करने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है,
वह दु:खद है़ इसको लेकर युवाओं में रोष है़ श्री सहाय ने कहा कि राज्य में पहले युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण के नाम पर भारी अनियमितता बरती गयी़ करोड़ों रुपये का भुगतान वैसी कंपनियों और संस्थानों को कर दिया गया, जिनके द्वारा युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के बजाय, सिर्फ प्रशिक्षण को लेकर खानापूर्ति की गयी़ इसके बाद आनन–फानन में गड़बड़ियों को छिपाने के उद्देश्य से मेगा प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया गया.