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विभाग के निर्देश के बाद भी नहीं मिली शिक्षकों को प्रोन्नति

रांची : स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के निर्देश के बाद भी कई जिलों में शिक्षकों को अब तक प्रोन्नति नहीं मिली है. प्रोन्नति नहीं देने वाले जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक के वेतन पर रोक भी लगायी गयी, इसके बाद भी शिक्षक प्रोन्नति के लिए जिला शिक्षा कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. झारखंड […]

रांची : स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के निर्देश के बाद भी कई जिलों में शिक्षकों को अब तक प्रोन्नति नहीं मिली है. प्रोन्नति नहीं देने वाले जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक के वेतन पर रोक भी लगायी गयी, इसके बाद भी शिक्षक प्रोन्नति के लिए जिला शिक्षा कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.
झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव योगेंद्र तिवारी ने कहा है कि धनबाद, सिमडेगा, गुमला, बोकारो व गोड्डा जिला में अब तक शिक्षकों को प्रावधान के अनुरूप प्रोन्नति नहीं दी गयी है. इससे शिक्षकों में काफी आक्रोश है. शिक्षकों को जब तक प्रोन्नति जैसे लाभ के लिए भी जिला शिक्षा कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ेगा, तब तक गुणवत्ता युक्त शिक्षा की बात नहीं की जा सकती. संघ ने जिन जिलों में शिक्षकों को अब तक प्रोन्नति नहीं मिली है, उसकी जांच कराने व दोषी जिला शिक्षा अधीक्षक पर कार्रवाई की मांग की है.
प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण पर रोक लगाने का भी शिक्षक संघ ने विरोध किया है. संघ के महासचिव योगेंद्र तिवारी ने कहा है कि शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण समाप्त करने से शिक्षकों को परेशानी होगी. प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों का कैडर जिला स्तरीय है. विशेष परिस्थिति में ही शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण होता है. उन्होंनेे कहा है कि वर्ष 2015-16 में नियुक्ति 16 हजार प्राथमिक शिक्षक में से लगभग सात हजार शिक्षक अपने गृह जिला को छोड़ दूसरे जिलों में कार्यरत हैं.
शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया की विसंगति के कारण शिक्षक को अपने गृह जिला में नियुक्ति का अवसर नहीं मिला. इन शिक्षकों ने जल्द से जल्द गृह जिला में पदस्थापित किया जाये. संघ ने कहा है कि विभाग एक ओर शिक्षकों को मनपसंद पोस्टिंग देने के लिए स्थानांतरण नियमावली बना रही है, वहीं दूसरी ओर अंतर जिला स्थानांतरण पर रोक लगाने की बात कह रही है. ऐसे में स्थानांतरण नियमावली क्यों बनाया जा रही है.
समस्याओं का समाधान हो, तो शिक्षक सीएम व मंत्री को नहीं लिखेंगे पत्र
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि शिक्षक समस्याओं के समाधान नहीं होने पर ही मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व अन्य लोगों को पत्र लिखते हैं. विभाग समय पर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करे, जिससे कि आंदोलन की नौबत नहीं आये. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वृजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर व प्रदेश प्रवक्ता नसीम अहमद नेकहा है कि राज्य में उर्दू शिक्षकों को आठ माह से वेतन नहीं मिला है.
साहेबगंज में सभी शिक्षकों को अब तक सातवां वेतनमान नहीं मिला है. नव नियुक्त शिक्षकों को नियमित वेतन नहीं मिल रहा है. राज्य के मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापकों के 95 फीसदी पद रिक्त हैं. वर्षों से इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है.
ऐसे में शिक्षकों को समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन का सहारा लेना पड़ता है. नियमावली में अंतर जिला स्थानांतरण का प्रावधान है, ऐसे में अंतर जिला स्थानांतरण को समाप्त नहीं किया जा सकता है. विभागीय प्रावधानों के अनुरूप ही शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण होता है.
शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर नयी नियमावली बनायी जा रही है, जिसमें भी अंतर जिला स्थानांतरण का प्रावधान किया गया है. संघ ने कहा है कि अगर अंतर जिला स्थानांतरण का प्रावधान समाप्त किया गया, तो संघ आंदोलन करेगा.

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