रांची: आदिवासी छात्र संघ ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर झारखंड में आदिवासियों की जमीन की लूट की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. इस 21 सूत्री ज्ञापन में कहा गया है कि 1951 के बाद किसी भी राज्यपाल ने यह नहीं देखा कि आदिवासी जमीन की लूट हो रही है.
जब संरक्षक ही मौन रहेंगे, तो संविधान की क्या स्थिति होगी? आज पूरे रांची जिले में आदिवासियों की जमीन पर चैरिटेबुल ट्रस्ट और इंडस्ट्री की जगह गैर आदिवासियों के अपार्टमेंट नजर आते हैं.
राजस्व कर्मचारी व अंचल पदाधिकारी भूमि सुधार उपसमाहर्ता के सहयोग से जाली जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र बना कर प्रतिवेदन में बिना जांच किये लिख देते हैं कि क्रेता व विक्रता, दोनों एक ही थाने के हैं. जमीन बिक्री के बाद विक्रेता के पास पर्याप्त जमीन बची है. यह ज्ञापन आदिवासी छात्र संघ के उपाध्यक्ष सुशील उरांव ने जारी किया है.