रांची: केंद्रीय विवि के कुलपति डॉ नंद कुमार यादव इंदु ने कहा है कि भारत धीरे-धीरे शक्तिशाली हो रहा है. यदि युवाअों का कौशल विकास हुआ, तो भारत 2022 तक विकसित राष्ट्र हो जायेगा. इसलिए युवाअों के कौशल विकास पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो गया है. डॉ इंदु मंगलवार को आइआइएम में प्रधानमंत्री युवा भारत अौर कौशल विकास विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे.
उन्होंने युवाअों से आह्वान किया कि विवेकानंद के सपनों के भारत के निर्माण में योगदान करें. कमल संदेश के संपादक डॉ शिवशक्ति बख्शी ने कहा कि भारत युवाअों का देश है, यहां की 65 प्रतिशत आबादी युवा है. देश के समग्र विकास के लिए युवाअों में कौशल विकास की आवश्यकता है. भारत में कौशल विकास की दर 2.3 प्रतिशत है, जबकि यूके में 68 प्रतिशत, जर्मनी में 75 प्रतिशत, कोरिया में 90 प्रतिशत, जापान में 80 प्रतिशत अौर अमेरिका में 85 प्रतिशत है. भारत में समस्या जनसंख्या की नहीं कौशल की है.
बीआइटी सिंदरी के निदेशक डॉ डीके सिंह ने कहा कि हमें कार्य संस्कृति में बदलाव करने की जरूरत है. अपने मस्तिष्क, दिल अौर हाथ को मजबूत करने से ही भारत समृद्धशाली बन सकेगा. रांची विवि एकेडमिक स्टाफ कॉलेज के निदेशक डॉ एके चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के समग्र विकास के लिए चिंतित हैं. इसके लिए युवाअों के कौशल विकास पर बहुत जोर दिया जा रहा है. आइआइएम के निदेशक डॉ शैलेंद्र सिंह ने कहा कि आइआइएम के छात्र रोजगार उत्पादक हैं, रोजगार खोजी नहीं. आगंतुकों का स्वागत डॉ केसी प्रसाद, संचालन डॉ कुंदन कुमार व धन्यवाद ज्ञापन नितिन कुमार ने किया. मौके पर डॉ जेबी पांडेय, एसके ठाकुर, चंदन दुबे, हीरानंद प्रसाद, सूर्यमणि सिंह आदि उपस्थित थे.