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खदानों से निकलनेवाले कोयले की रॉयल्टी को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को टाटा स्टील के खदानों से निकलनेवाले कोयले की रॉयल्टी को लेकर दायर विभिन्न याचिकाअों पर सुनवाई हुई. बहस अधूरी रही. मामले की अगली सुनवाई अब 14 दिसंबर को होगी. इससे पहले जस्टिस एचसी मिश्रा, जस्टिस प्रमथ पटनायक व जस्टिस डाॅ एसएन पाठक की पूर्ण पीठ में मामले की […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को टाटा स्टील के खदानों से निकलनेवाले कोयले की रॉयल्टी को लेकर दायर विभिन्न याचिकाअों पर सुनवाई हुई. बहस अधूरी रही. मामले की अगली सुनवाई अब 14 दिसंबर को होगी. इससे पहले जस्टिस एचसी मिश्रा, जस्टिस प्रमथ पटनायक व जस्टिस डाॅ एसएन पाठक की पूर्ण पीठ में मामले की सुनवाई लगातार दूसरे दिन भी हुई. सात दिसंबर को प्रार्थी की अोर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंधवी ने पूर्ण पीठ में पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि खदानों से निकल रहे कोयला पर रॉयल्टी लिया जाना चाहिए. प्रोसेसिंग के बाद कोयले का वजन बढ़ जाता है. राज्य सरकार प्रोसेस कोयले पर रॉयल्टी मांग रही है, जिसे उचित नहीं कहा जा सकता है.
खदानों से निकल रहे कोयले पर रॉयल्टी लिया जाना चाहिए. श्री सिंधवी ने माइंस एंड मिनरल्स एक्ट की धारा 64बी को असंवैधानिक बताते हुए निरस्त करने का आग्रह किया. वहीं प्रतिवादी राज्य सरकार की अोर से महाधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखते हुए प्रार्थी की दलील का विरोध किया. केंद्र सरकार की अोर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने पक्ष रखा.
बहस अधूरी रहने के बाद पूर्ण पीठ ने मामले की सुनवाई 14 दिसंबर को निर्धारित की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी टाटा स्टील लिमिटेड की अोर से अलग-अलग याचिका दायर कर कोयले की रॉयल्टी का मुद्दा उठाया गया है. माइंस एंड मिनरल्स एक्ट की धारा 64बी को चुनाैती दी गयी है.
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