जांच के क्रम में स्कूल की 150 से अधिक बच्चियों ने उन्हें बताया कि उन लोगों ने बाजार से एनसीइआरटी की पुस्तकें खरीद ली हैं. उन्होंने विद्यालय की प्राचार्य से वैसे बच्चों को पुस्तक का बिल वापस करने का निर्देश दिया, जिन्होंने पुस्तकें खरीद ली हैं. इसके लिए पुस्तक खरीद के वाउचर का सत्यापन कर भुगतान करने काे कहा गया.
श्री महावर ने इस संबंध में विद्यालय की प्राचार्य चंद्रकला से भी पूछताछ की. पूछताछ के क्रम में बताया गया कि बाजार में एनसीइआरटी की पुस्तकें उपलब्ध नहीं रहने की वजह से वितरण का काम नहीं हो पाया. पूरे प्रकरण पर डीइओ जल्द ही क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक को अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे.