रांचीः झारखंड सरकार के खजाने में रांची नगर निगम की ओर से वसूला जा रहा जल कर जमा नहीं हो रहा है. इसे सरकार ने गंभीरता से लिया है. निगम प्रत्येक वर्ष जल कर के रूप में सिर्फ दो करोड़ रुपये की वसूली कर रहा है. सरकार का मानना है कि यह राशि भी खजाने में जमा नहीं हो रही है. नगर निगम की ओर से जल कर की वसूली नहीं किये जाने को सरकार ने निराशाजनक बताया है. मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है. संविधान के 74वें संशोधन के अनुरूप शहरी स्थानीय निकायों को मुफ्त में जलापूर्ति नहीं किये जाने का प्रावधान है, जिसकी वसूली निकायों को करनी है.
नगरपालिका नियम के तहत यूजर चाज्रेज (जल कर) की वसूली करने का जिम्मा नगर निगम का है. इसमें कार्यो में लापरवाही बरतनेवालों पर नगरपालिका अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का उल्लेख भी है. नगर विकास विभाग की ओर से ऑपरेशन कास्ट और आधारभूत संरचना विकास के लिए प्रत्येक वर्ष बजट में प्रावधान भी किया जाता है. सिर्फ रांची शहर में ही 40 करोड़ रुपये तक की जल कर वसूली की जा सकती है.
महालेखाकार कार्यालय का कहना है कि यूजर चार्ज और शिक्षा सेस का बकाया 66 करोड़ का है, जिसकी वसूली शीघ्र की जानी चाहिए. सरकार का मानना है कि जल कर की वसूली को प्रभावशाली बनाने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) की तर्ज पर काम किया जा रहा है. जिंफ्रा से बातचीत चल रही है. इसका प्रस्ताव योजना एवं विकास विभाग के पास भेजा जा चुका है. उधर, सरकार की ओर से आउटसोर्सिग के माध्यम से जल कर की वसूली करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है.