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झारखंड : दिन भर ठप रहे सरकारी दफ्तर आज से काम पर लौटेंगे अफसर

रांची: बरकट्ठा के सीओ मनोज तिवारी की गिरफ्तारी के विरोध में 20 नवंबर तक सामूहिक अवकाश पर रहने की घोषणा करने के दूसरे दिन शुक्रवार शाम को झारखंड प्रशासनिक सेवा (राप्रसे) के करीब एक हजार अफसर काम पर लौट आये. इससे पहले शुक्रवार को दिन भर अफसरों ने कोई काम-काज नहीं किया. झारखंड प्रशासनिक सेवा […]

रांची: बरकट्ठा के सीओ मनोज तिवारी की गिरफ्तारी के विरोध में 20 नवंबर तक सामूहिक अवकाश पर रहने की घोषणा करने के दूसरे दिन शुक्रवार शाम को झारखंड प्रशासनिक सेवा (राप्रसे) के करीब एक हजार अफसर काम पर लौट आये.
इससे पहले शुक्रवार को दिन भर अफसरों ने कोई काम-काज नहीं किया. झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और कार्मिक सचिव निधि खरे से मुलाकात की.
इसके बाद शाम को संघ ने पूर्व घोषित सामूहिक अवकाश को स्थगित करने की घोषणा कर दी. बताया जाता है कि सरकार ने संघ की मांगें मान ली हैं. संघ की ओर से सभी जिला ईकाइयों को पत्र जारी कर 18 नवंबर से अपने कार्यालय में योगदान देने की बात कही गयी है.
दुर्व्यवहार की भी जांच का आदेश : वार्ता के दौरान मुख्य सचिव और कार्मिक सचिव ने बरकट्ठा सीओ मनोज तिवारी के मामले की तीन दिनों में जांच कराने का आश्वासन दिया. इसके लिए कल्याण सचिव हिमानी पांडेय, श्रम सचिव अमिताभ कौशल और पुलिस मुख्यालय के अपर महानिदेशक पीआरके नायडू की एक कमेटी बनायी गयी है. सरकार ने बरकट्ठा के थाना प्रभारी मंजीत कुमार का तबादला पुलिस केंद्र में करते हुए हजारीबाग के उपायुक्त को सीओ और उनके परिजनों के साथ किये गये दुर्व्यवहार की जांच का आदेश दिया है. संघ की ओर से बताया गया कि सेवा शर्त व प्रोन्नति से संबंधित मांगों पर त्वरित कार्रवाई करने पर भी सरकार सहमत हो गयी है. एसीबी की ट्रैपिंग के दौरान नियमित दंडाधिकारी को भी साथ रखा जायेगा.
दिन भर ठप रहा कामकाज : सरकार के साथ वार्ता से पहले शुक्रवार को दिन भर सचिवालय समेत पूरे राज्य में कार्य बाधित रहा. प्रोजेक्ट भवन और नेपाल हाउस सचिवालय में संयुक्त सचिव से लेकर उप सचिव तक कार्यालय नहीं आये. विभागों से निदेशक स्तर के अफसर भी छुट्टी पर रहे. सीओ, बीडीओ, डीटीओ और दंडाधिकारियों के अवकाश पर रहने की वजह से उपायुक्त, अंचल और प्रखंड कार्यालयों में काम-काज पूरी तरह ठप रहा.
क्या है मामला : 14 नवंबर को बरकट्ठा सीओ मनोज कुमार तिवारी को एसीबी की टीम ने पांच हजार रुपये रिश्वत लेते उनके आवास से गिरफ्तार किया था. वह शिकायतकर्ता नीतेश कुमार से जमीन विवाद सुलह कराने के एवज में रिश्वत ले रहे थे. सीओ के निजी चालक, नौकर समेत तीन लोगों ने थाने में लिखित आवेदन दिया था. कहा था कि सीओ साहब खाना खा रहे थे. इसी दौरान एसीबी के पदाधिकारी आये और जबरन उनके पॉकेट में रिश्वत की राशि डाल दी. विरोध करने पर उन्हें पीटा भी गया.
20 नवंबर तक घोषित सामूहिक अवकाश वापस लिया
दंडाधिकारी रखने का आदेश
मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने ट्रैपिंग संबंधी मामलों में नियमित दंडाधिकारी को साथ रखने का आदेश जारी किया है.
पुलिस एसो का िवरोध
झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने कहा कि बरकट्ठा सीओ प्रकरण मामले में अगर सरकार ने प्रशासनिक पदाधिकारियों के दबाव में कोई फैसला लिया तो यह गलत होगा. पूरे मामले की जांच कराये बिना किसी पुलिस पदाधिकारी या आरक्षी के खिलाफ कार्रवाई की गयी तो यह गलत होगा.
ऐसी स्थिति में आरक्षी से लेकर डीएसपी तक सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में सोमवार को पुलिस से जुड़े तीनों संघ के पदाधिकारी गृह सचिव और डीजीपी से मुलाकात करेंगे.

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