निगम ने धान की मीलिंग की धीमी प्रगति पर असंतोष जाहिर किया. साथ ही राज्य सरकार को राइस मिलों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने का सुझाव भी दिया. रेलवे रेक को जल्द खाली करने, परिचालन व भंडारण क्षति में और कमी लाने का भी सुझाव दिया. मौके पर महाप्रबंधक (क्षेत्र) ने बताया कि निगम के द्वारा पिछले तीन माह के अंदर 65 हजार एमटी भंडारण क्षमता का विस्तार किया गया है.
उन्होंने कहा कि भंडारण क्षति में काफी कमी आयी है. जहां पिछले वर्ष भंडारण क्षति 0.18 फीसदी थी, वहीं इस साल यह 0.11 फीसदी है. इसके कारण निगम को दो करोड़ रुपये की बचत हुई है. झारखंड में मार्ग क्षति में भी कमी आयी है, जहां पिछले साल मार्ग क्षति 0.43 फीसदी था, वहीं इस साल 0.38 फीसदी है. इसके कारण भी निगम को दो करोड़ की बचत हुई है. वहीं राज्य सरकार द्वारा खाद्यान्न की गुणवत्ता को लेकर किसी तरह की कोई शिकायत भी प्राप्त नहीं हुई है.
उन्होंने बताया कि निगम द्वारा संचालित सभी छह डिपो का कार्य अॉनलाइन हो रहा है. एफसीआइ की अोर से महाप्रबंधक अमित भूषण ने प्रजेंटेशन दिया. मौके पर समिति के सदस्य शंभु नंदन कुमार, ब्रजनंदन प्रसाद पांडेय, रमाकांत निषाद, कपिल पासवान, सुचिता टोप्पो, मिथिलेश पासवान, कृष्ण देव कुमार, शैलेंद्र द्विवेदी, उमेश पासवान, ठाकुर शिवेंद्र सिंह, अभय कुमार पांडेय, रंजीत राम, धनंजय प्रसाद सिंह, देवी दास, विनोद महतो, साकेत कुमार सिंह, राज कुमार राज, नरेश पासवान व रामजी पासवान उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन उप महाप्रबंधक विजय कुमार ने किया.