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झारखंड में नहीं खुलेगा प्रज्ञान फाउंडेशन का विश्वविद्यालय

रांची: झारखंड में प्रज्ञान फाउंडेशन का विश्वविद्यालय नहीं खुलेगा. प्रज्ञान फाउंडेशन को विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति देने का फैसला सरकार वापस करेगी. पश्चिम बंगाल में फाउंडेशन द्वारा एमबीबीएस की फर्जी डिग्री बांटने का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को इससे संबंधित निर्देश दिया है. विभाग ने कार्यवाही […]

रांची: झारखंड में प्रज्ञान फाउंडेशन का विश्वविद्यालय नहीं खुलेगा. प्रज्ञान फाउंडेशन को विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति देने का फैसला सरकार वापस करेगी. पश्चिम बंगाल में फाउंडेशन द्वारा एमबीबीएस की फर्जी डिग्री बांटने का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को इससे संबंधित निर्देश दिया है. विभाग ने कार्यवाही करते हुए प्रज्ञान फाउंडेशन को नोटिस जारी कर दिया है. वर्ष 2016 में राज्य सरकार ने प्रज्ञान फाउंडेशन को झारखंड में विश्विविद्यालय खोलने की अनुमति प्रदान की थी. हालांकि, अब तक फाउंडेशन ने विश्वविद्यालय शुरू नहीं किया है. इस वजह से पूर्व में भी दो बार राज्य सरकार द्वारा फाउंडेशन को शो-कॉज किया गया था.
क्या है मामला
पश्चिम बंगाल में प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल और उनके बेटे चंदन अग्रवाल के खिलाफ कोलकाता में फर्जी डिग्री बांटने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज है. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की शिकायत पर यह प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि बाप-बेटे ने कोलकाता में नन मैट्रिक युवकों को भी एमबीबीएस की डिग्री बांटी है. डिग्री के आधार पर फर्जी डॉक्टर पश्चिम बंगाल के दूर-दराज क्षेत्रों में निजी नर्सिंग होम और क्लिनिक में मरीजों का इलाज कररहे हैं. कोलकाता पुलिस ने छह सितंबर 2017 को दोनों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. प्रज्ञान फाउंडेशन को झारखंड में भी विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति दी गयी थी. इस वजह से डॉ अग्रवाल और उनके बेटे द्वारा की गयी जालसाजी की जांच के लिए कोलकाता सीआइडी की टीम रांची आयी थी.सीआइडी के अधिकारी राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों से मिले थे.
सभी निजी विश्वविद्यालयों की होगी जांच
सरकार ने सभी निजी विश्वविद्यालयों की जांच कराने का निर्णय लिया है. मंगलवार को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान विश्वविद्यालयों की जांच के लिए कमेटी गठित की गयी. कमेटी नियमित रूप से निजी विश्वविद्यालयों की जांच कर सरकार को रिपोर्ट देगी. बैठक में रांची विवि के कुलपति डॉ रमेश पांडेय, विनोबा भावे विवि के कुलपति डॉ रमेश शरण, उच्च शिक्षा निदेशक अबु इमरान समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे. फिलहाल, राज्य में नौ निजी विश्वविद्यालय चल रहे हैं, जिनमें एक को छोड़ सभी में पठन-पाठन का कार्य हो रहा है.

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