मंत्री ने कहा कि विभाग का बजट तीन वर्ष पहले (2014-15 में) 3440 करोड़ रुपये था. 2017-18 में यह बढ़ कर 10473 करोड़ रु हो गया है. बजट बढ़ा है. यानी विभाग का कामकाज व खर्च बढ़ा है. उन्होंने कहा कि विभिन्न वित्तीय वर्षों में हमारे विभाग की ओर से करीब 95 फीसदी राशि खर्च की गयी है. मनरेगा के तहत 95 फीसदी मजदूरी का भुगतान समय पर हो रहा है.
विलंब से मजदूरी भुगतान होने पर मुआवजा राशि देने का प्रावधान है. करीब एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशि काफी पहले से लंबित थी, जिसमें से 72 लाख का भुगतान कर दिया गया है. वहीं चालू वित्तीय वर्ष के आठ लाख रुपये में से चार लाख मुआवजा का भुगतान हो चुका है. विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने कहा कि आदर्श ग्राम योजना के तहत विभिन्न विभागों के कंवर्जेंस (अभिसरण) के सहारे विकास कार्य को गति दी जा रही है.
मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि मनरेगा से बने डोभा में कई किसान मत्स्य बीज उत्पादन का लाभदायक कार्य कर रहे हैं. राज्य स्थापना दिवस के दौरान दो लाख 22 हजार 333 ग्रामीण आवास में गृह प्रवेश की योजना के विरुद्ध अब तक तैयार आवास संबंधी सवाल पर बताया गया कि अब तक 1800 आवास पूर्ण हुए हैं. शेष जल्द पूरे हो जायेंगे. मंत्री नीलकंठ से यह पूछने पर कि आपके क्षेत्र में प्रशासन को गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि संविधान के प्रावधान के अनुरूप कार्य होने में हमारी सरकार को कोई परेशानी नहीं है. मौके पर सचिव पंचायती राज विनय चौबे, निदेशक पंचायती राज बीरेंद्र भूषण आदि मौजूद थे.