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गुमला: न दवा मिली, न ही एंबुलेंस बेटे का शव पीठ पर बांध पहुंचा गांव…

गुमला: गुमला सदर अस्पताल की लापरवाही से एक मासूम की जान चली गयी. मासूम की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं दिया. लाचार गरीब पिता अपने मृत बेटे के शव को पीठ में बांध कर गांव पहुंचा. मासूम की मौत व एंबुलेंस नहीं मिलने के मामले […]

गुमला: गुमला सदर अस्पताल की लापरवाही से एक मासूम की जान चली गयी. मासूम की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं दिया. लाचार गरीब पिता अपने मृत बेटे के शव को पीठ में बांध कर गांव पहुंचा. मासूम की मौत व एंबुलेंस नहीं मिलने के मामले को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गंभीरता से लिया है.

उन्होंने जांच का आदेश दिया है और 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है. सीएम के निर्देश के बाद डीसी श्रवण साय, डीडीसी नागेंद्र कुमार सिन्हा व बीडीओ उमेश कुमार स्वांसी अस्पताल पहुंचे और मामले की जांच की. सीएस डॉक्टर जेपी सांगा से आधे घंटे तक पूछताछ की़

बस भाड़ा नहीं था : जानकारी के अनुसार, बसिया प्रखंड के ममरला गांव निवासी करण सिंह का आठ वर्षीय पुत्र सुमन सिंह चार दिन से ब्रेन मलेरिया व टाइफाइड से ग्रसित था. सुमन गांव के ही सरकारी स्कूल में पहली कक्षा का छात्र था. बेटे के बीमार होने के बाद करण उसे अस्पताल इलाज कराने के लिए निकला. लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे. बीमार बेटे के इलाज के लिए करण बसिया से सिसई जा रही बस में बैठ गया. गरीबी व बेटे के बीमार होने की जानकारी कंडक्टर को दी, तो कंडक्टर ने भाड़ा नहीं लिया. अपने बेटे को लेकर वह सिसई रेफरल अस्पताल पहुंचा. जहां डॉक्टर ने भरती कर इलाज किया और दवा का पुरजा लिखा.

पैसे नहीं होने के कारण करण दवा नहीं खरीद सका. इसके बाद डॉक्टर ने सुमन को गुमला सदर अस्पताल रेफर कर दिया. शनिवार को दोपहर एक बजे करण किसी प्रकार अपने बीमार बेटे को लेकर गुमला सदर अस्पताल पहुंचा. यहां डॉक्टर ने इलाज किया और दवा का पुरजा लिख कर दिया. करण दवा का जुगाड़ करता. उससे पहले ही तकरीबन आधे घंटे में सुमन की अस्पताल में मौत हो गयी.

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