शनिवार को विपक्ष के नेता के साथ मेरी मुलाकात तय थी, पर उन्होंने अपनी व्यस्तता के कारण मुझे समय नहीं दिया. पूरा विपक्ष केवल सीएनटी-एसपीटी की राजनीति करने में लगा है. सभी अपना राजनीतिक नफा-नुकसान देख रहे हैं. राज्यहित और लोकहित में किसी दल की सोच नहीं है. अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री बाउरी ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन पर सरकार के उद्देश्यों व संशोधनों की उपयोगिता पर प्रश्न नहीं उठाया जाना चाहिए. सरकार ने केवल लोकहित और राज्यहित को प्राथमिकता देते हुए एक्ट में संशोधन का फैसला किया है.
विपक्ष द्वारा संशोधन के उद्देश्यों को लेकर अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं. उद्योगों के लिए तो एक्ट में वर्ष 1996 में ही संशोधन कर रास्ता खोल दिया गया था. इस बार सरकार ने केवल जनोपयोगी कार्यों को प्राथमिकता की दृष्टि से जल्द पूरा करने के लिए आंशिक संशोधन का प्रस्ताव बनाया है. इसे कॉरपोरेट से जोड़ कर देखना बिल्कुल गलत है. एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि विधेयक में संशोधन का मामला सभी मिल कर तय करेंगे. यह फिर से विधानसभा में रखा जायेगा या नहीं, यह सरकार का मामला है. इन बातों पर मंथन चल रहा है. अभी कुछ भी कहना गलत होगा. राज्यपाल द्वारा विधेयक लौटाने के एक महीने के बाद भू-राजस्व विभाग को जानकारी होने से संबंधित सवाल पर मंत्री ने कुछ भी कहने से इनकार किया. उन्हाेंंने कहा कि सरकार का अंग बनने से पहले सभी पद और गोपनीयता की शपथ लेते हैं. इस वजह से मैं इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल सकता हूं.