प्रभात खबर कार्यालय में गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने लगभग दो घंटे तक प्रभात खबर के पत्रकारों के साथ बातचीत की. उनके सवालों के जवाब भी दिये. यहां पेश है श्री गडकरी से किये गये सवाल और उनसे मिले जवाब.
झारखंड के लिए आपके मंत्रालय के तहत क्या-क्या योजनाएं हैं?
झारखंड का एनएच कुल 2402 किमी था, जो 50 साल से था. इसे बढ़ा कर 2728 किमी किया गया है. यहां इंडस्ट्रियल हब डेवलप करेंगे. करीब 10 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. हम लॉजिस्टिक कॉस्ट कम करने का प्रयास कर रहे हैं. यहां वाटर बॉडी तैयार किया जायेगा. यहां से चीजों का निर्यात बांग्लादेश से लेकर साउथ एशिया तक करेंगे. इस कारण यहां उद्योगों का विकास होगा. उन्होंने कहा कि यहां की स्वर्ण रेखा नदी के स्लैग को यूपी व बिहार में ले जाकर सड़क बनायेंगे. झारखंड में भी कच्ची सड़क पर इस स्लैग को बिछाने की योजना है. इससे सड़क निर्माण में कुछ लगाना नहीं होगा. ऊपर से केवल तारकोल डाल कर सड़क बना दी जायेगी. रांची-टाटा रोड बनाया जा रहा है. इसका उदघाटन दिसंबर में कर दिया जायेगा.
रांची-रामगढ़ मार्ग पर मात्र 20-25 किमी की दूरी तय करने पर टॉल प्लाजा में 85 रुपये लिये जाते हैं, इस पर एनएचएआइ कुछ करेगा या फिर ऐसी कोई योजना है कि जितना किमी चलें, उतना ही पैसा दें.
इसका निवारण डेढ़-दो साल में होगा. यह व्यवस्था हो रही है कि आप जहां से निकलेंगे, कैमरा कैच कर लेगा. दूसरे स्पॉट पर भी कैमरा होगा. इस तरह यह पता चल सकेगा कि गाड़ी ने कितने दूर की यात्रा टॉल टैक्स वाली सड़क पर की है. उसी के मुताबिक टैक्स लगेगा. अभी यह व्यवस्था दिल्ली में शुरू की गयी है. इसके तहत 25 किमी तक की निर्धारित दूरी का स्कीम बना है.
रातू रोड पर एलिवेटेड रोड बनाने की आपने घोषणा की थी, वह किस स्टेज में है?
मैंने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है. करीब 500 करोड़ रुपये की यह योजना स्वीकृति हो गयी है. हम इस पर काम करायेंगे.
जलमार्ग : आपका लक्ष्य है 2020 तक 10 फीसदी ट्रांसपोर्टेशन को जलमार्ग पर ले जाने का, तो यहां स्वर्णरेखा नदी में तो साल भर में छह माह से अधिक पानी नहीं रहता है.
ऐसे में कैसे होगा?
हम साल भर पानी मेंटेने रखेंगे. स्वर्णरेखा नदी का डीपीआर बन रहा है. जो हमारी चौड़ाई होगी, उसमें तीन मीटर की गहराई का पानी मेंटेन रखेंगे.
साहेबगंज में मल्टी मॉडल हब बनाने की योजना की क्या प्रगति है?
इससे संबंधित करीब 467 करोड़ का काम एल एंड टी कंपनी को दे दिया गया है. काम शुरू हो गया है. यहां वाटर बॉडी का निर्माण कराया जायेगा. दिसंबर 2018 तक लक्ष्य रखा गया है.
पटना गांधी सेतु योजना जब से बनी है, वैसी ही है. इसकी स्थिति का पता नहीं चलता, केवल राजनीति होती है.
मैंने इसके लिए 2000 करोड़ रुपये दिये हैं. योजना समय से पूरा हो जायेगी. ट्रैफिक बंद करना होगा. गंगा पुल अच्छा बनेगा.
रांची-गढ़वा-मेदिनीनगर फोर लेन का काम कब तक होगा.
अभी इसकी क्या स्थिति है?
रांची (कचहरी) से कुड़ू तक करीब 56 किमी का टेंडर हो गया है. एक माह में इसका काम शुरू हो जायेगा. इसके बाद इस मार्ग पर और 261 किमी सड़क का डीपीआर बन रहा है. इसमें से 50 फीसदी का काम इस साल आबंटित कर दिया जायेगा. देंगे.
झारखंड-बिहार में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम अच्छा नहीं है. लोगों को बहुत परेशानी है. इस पर कुछ करेंगे?
हमलोगों ने इस पर पांच टेक्नोलॉजी लायी है. अगर राज्य चाहे, तो हम सहयोग करेंगे. एयरपोर्ट की तरह एसी बस स्टैंड बनायेंगे. एयर बस की तरह बसें चलेंगी. हमने इलेक्ट्रिक बस लाने की भी तैयारी की है. पानी व सड़क पर चलनेवाली बसें भी खरीदनी होंगी. आंध्रप्रदेश व पंजाब ने दो-दो बसें खरीदी है. सड़क व पानी पर भी ये बसें चलेंगी, तो आवागमन अच्छा हो जायेगा.
पेड़-जंगलों को नुकसान : राष्ट्रीय राजमार्ग बन रहे हैं, तो पेड़ों-जंगलों को बहुत नुकसान हो रहा है. नुकसान कैसे रोकेंगे?
पेड़ों के ट्रांसप्लांट पर काम किया जा रहा है. पेड़ों को उखाड़ो और दूसरी जगह लगाअो. अगर बहुत बड़े पेड़ हैं, जो ट्रांसप्लांट नहीं हो सकते, तो जितने पेड़ काटे गये हैं, उससे दोगुने लगाये जायें. मैंने कहा कि एक पेड़ काटो, तो चार पेड़ लगाअो. इंटीग्रेटेड एप्रोच रखना होगा. इकोलॉजी, इनवायरमेंट व डेवलपमेंट के साथ काम हो. बिना इनवायरमेंट के देश आगे नहीं बढ़ सकता है.
जितनी भी फोर लेन सड़कें बनी हैं, उसमें काफी पेड़ कटे हैं?
इसके लिए एक योजना बनायी है. इसमें एनजीअो व सोशल क्षेत्र में काम करनेवालों को इसका काम दिया जायेगा. उस एरिया में किसान नर्सरी खुलेगी. तीन साल तक उन्हें पेड़ लगाने व मेंटेनेंस का काम देंगे. इसके लिए उन्हें पैसे दिये जायेंगे.
राजमार्ग पर सुरक्षा : महिलाओं के साथ जो घटनाएं होती हैं, उससे कैसे निबटेंगे?
राष्ट्रीय महामार्ग की सुरक्षा के लिए काम किया जा रहा है. राजस्थान व दिल्ली में बस सेवा शुरू की गयी है. इसमें बटन रहेगा. बटन दबाने से ही इसकी सूचना पुलिस को चली जायेगी. इससे यह पता चल जायेगा कि कोई महिला संकट में है. कानून व्यवस्था बनाये रखना राज्य सरकार की जिम्मेवारी है. राज्य सरकार से भी पुलिस बल लेकर सुरक्षा की व्यवस्था की जायेगी. सड़कें चिह्नित की गयी हैं. जगह-जगह महिलाअों के लिए शौचालय आदि के भी प्रबंध होंगे.
मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र में किसान आंदोलन : क्या बात है कि वे आंदोलन की राह पर हैं?
किसान कठिनाई का सामना कर रहे हैं. उन्हें उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल रहा है. यहां सरप्लस उपज हो रहा है. हम 40 हजार करोड़ का चावल निर्यात करते हैं. 14-15 रुपये किलो मूल्य होता है, जो झारखंड व अन्य जगहों से आते हैं. उसी तरह नागपुर के संतरे का दाम भी किसानों को बहुत कम मिलता है. 2000 कोल्ड स्टोरेज हो. आलू-प्याज रखने की व्यवस्था हो. हम यहां के किसानों की उपज पर वैल्यू एडिशन कुछ करें, तब उन्हें सही मूल्य मिलेगा. प्रोसेसिंग करके उन्हें अच्छा मूल्य मिले, यह करना होगा. प्रोडक्शन कॉस्ट को कम करना होगा और वैल्यू एडिशन करके किसानों की उपज का मूल्य ज्यादा करना होगा. किसानों को सस्ते में कर्ज, कम मूल्य पर खाद, अच्छे बीज मिले.यानी कृषि क्षेत्र की समस्या दूर करनी होगी. इस पर वर्षों से नजरअंदाज होता आया है. अब हम प्रयास कर रहे हैं. बात कर रहे हैं. समझाने का कोशिश कर रहे हैं. धीरे-धीरे ठीक हो जायेगा.
राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी की अोर से कौन प्रत्याशी होगा?
जवाब : इस पर प्रधानमंत्री से चर्चा हुई है. पार्टी अध्यक्ष व पीएम इस पर निर्णय लेंगे.
एनएच पर शराबबंदी : सुप्रीम कोर्ट ने एनएच व स्टेट हाइवे की सड़कों पर शराब बेचने पर पाबंदी लगायी है. इसके बाद कई राज्यों ने सड़कों को स्टेट हाइवे के दायरे से बाहर कर दिया है, इस पर क्या करेंगे?
यह राज्य सरकार का विषय है, पर एनएच में ऐसा नहीं होगा.
क्या हमारे पड़ोसी देशों से संबंध थोड़े खराब हुए हैं?
नहीं, हमारे संबंध पड़ोसी देशों से बहुत अच्छे हैं. प्रधानमंत्री ने विभिन्न देशों से बात कर संपर्क सुधारा है. हां ऐसा होता है कि एक देश में जाअो, तो दूसरा देश थोड़ा नाराज हो जाता है. पर हमारे संबंध सारे पड़ोसी देशों से बेहतर हैं.
झरिया पर क्या कहा मंत्री ने
मंत्री ने कहा कि झरिया शहर के नीचे कोयले में आग लगी हुई है. वहां लोगों पर खतरा है. इस पर हमने केंद्रीय कोयला मंत्री को बोला कि वहां से कोल निकालें और निर्यात करें. वहां के लोगों को उस पैसे से स्मार्ट सिटी बना कर वहां बसायें. कोल बेड मिथेन है, उसका इस्तेमाल करें. इसका मल्टीपरपस इस्तेमाल होगा. इससे यूरिया मिलेगा. इसका कॉस्ट भी कम होगा.