Jharkhand News: झारखंड सहित देश-विदेश में ख्याति प्राप्त बेतला नेशनल पार्क कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए बंद है. इससे पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान पहुंचा है. एक अनुमान के अनुसार करीब एक करोड़ रुपये के नुकसान पहुंचा है. प्रत्येक वर्ष के जनवरी महीने में पर्यटकों की भीड़ जमी रहती है. जिसमें कोलकाता सहित आसपास के विभिन्न राज्यों के पर्यटक पहुंचते हैं. इस कारण पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों की चांदी रहती है. इस बार नववर्ष के पहले सप्ताह में ही कोरोना की तेज रफ्तार को देखते हुए पार्क को बंद कर दिया गया है. नेतरहाट सहित अन्य पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के बाद कुछ पर्यटक बेतला आ भी रहे हैं, लेकिन पार्क बंद होने की सूचना पर निराश होकर वापस लौट रहे हैं.
बेतला नेशनल पार्क के कई होटलों में ताले लटक गये हैं. पर्यटन विभाग के होटल वन विहार, वन विभाग का टूरिस्ट लॉज, ट्री हाउस सहित यहां मौजूद अन्य दर्जनों निजी होटलों में सन्नाटा है. हालांकि होटल रेस्टोरेंट, रेस्टहाउस को बंद करने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है. बावजूद इसके पर्यटक रुक नहीं रहे हैं. जिन लोगों ने ऑनलाइन बुकिंग कराई थी, वह अब कैंसिल करा रहे हैं. कोरोना की वजह से पिछले दो वर्षों से यहां का पर्यटन उद्योग प्रभावित है. पिछले 25 दिसंबर से अप्रत्याशित भीड़ जुटनी शुरू हुई थी. ऐसा लगने लगा था कि अब उनकी अर्थव्यवस्था में काफी सुधार होगा, लेकिन ऐन मौके पर एक बार फिर से पार्क को बंद कर दिया गया. जिससे लोगों का व्यवसाय को पूरी तरह चौपट हो गया है.
पर्यटन विभाग का होटल वन विहार है, जिसमें 25 कमरे हैं. यहां रेस्टोरेंट भी है. वन विभाग के तीन दर्जन से अधिक कमरे हैं, जिसमें ट्री हाउस, फॉरेस्ट व टूरिस्ट लॉज डायरेक्टर लॉज, एफआरएच ,जनता लॉज सहित टूरिस्ट कैंटीन, होटल ड्रीमलैंड पार्क व्यू, होटल ग्रीन व्यू, आराध्या रिसोर्ट, टूरिस्ट प्लाजा वन विभाग का सफारी वाहन, बेतला के निजी 24 पर्यटक वाहन, तीन दर्जन से अधिक गाइड व अन्य छोटे-मोटे व्यवसायी हैं. वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए 18 मार्च 2020 से बेतला नेशनल पार्क को बंद कर दिया गया था. इसके बाद 348 दिनों के बाद इसे 2021 में एक मार्च को पार्क खोला गया था, लेकिन कोरोना की दूसरा लहर आने के कारण सिर्फ 37 दिन पार्क खुलने के बाद पुनः सात अप्रैल से अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया. फिर 176 दिनों के बाद एक अक्तूबर को पार्क खोला गया. अब 95 दिनों तक खुला रहने के बाद चार जनवरी से पार्क को पुनः बंद कर दिया गया है.
टूरिज्म विभाग के होटल वन बिहार के मैनेजर रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि बेतला नेशनल पार्क बंद होने से पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचा है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. जनवरी महीने में हजारों की संख्या में पर्यटक बतला पहुंचते हैं, लेकिन कोरोना ने सब कुछ चौपट कर दिया है, वहीं बेतला प्रक्षेत्र के रेंजर प्रेम प्रसाद ने कहा कि जनवरी का पहला व दूसरा सप्ताह पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इस बार पहले सप्ताह में ही पार्क बंद करने का आदेश दे दिया गया है. इस कारण लाखों रुपये के राजस्व की क्षति हुई है.
रिपोर्ट: संतोष कुमार