पंचायतों में हो रही खरीद में गड़बड़ी-डीडीसी ने जारी किया क्रय संबंधी गाइडलाइनसंजय, रांचीराज्य भर के पंचायतों में हो रही खरीद में गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही है. पहले पंचायत सचिवालय के लिए खरीदे गये जेनरेटर व फर्नीचर, इसके बाद सोलर स्ट्रीट लाइट और अब पानी टैंकर सहित अन्य खरीद पर सवाल खड़े हो रहे हैं. पंचायतों में जेनरेटर बाजार मूल्य से 20 से 30 हजार, सोलर स्ट्रीट लाइट 10 से 12 हजार तथा पानी के टैंकर 25 से 35 हजार रुपये अधिक मूल्य पर खरीदे गये या खरीदे जा रहे हैं. पहले पंचायत चुनाव के बाद चयनित पंचायत प्रतिनिधियों खास कर मुखिया व पंचायत प्रमुखों ने उपरोक्त सामग्रियों की खरीद में लाखों कमाये हैं. संबंधित प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीअो), जो पंचायती राज व्यवस्था के निरीक्षक व बतौर प्रशासक भी हैं, सब कुछ जानते हुए चुप रहे. सोलर स्ट्रीट लाइट खरीद की, तो रांची जिले में जांच भी हो चुकी है, पर जिला प्रशासन या बीडीअो ने किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की. संबंधित आपूर्तिकर्ता प्रखंडों व पंचायतों में जा कर सौदेबाजी करते हैं. पंचायत प्रतिनिधियों व प्रखंड के लोगों को अच्छी कमीशन का अॉफर देकर आपूर्ति अादेश लिया जाता है. अब रांची जिले के उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइअो), जिला परिषद ने सभी बीडीअो को दिशा निर्देश जारी किये हैं. जारी चिट्ठी में कहा गया है कि 13वें व 14वें वित्त आयोग से मिली राशि से पंचायतोंं व प्रखंडों में हो रही खरीद में अनियमितता की शिकायतें लगातार मिल रही है. सरकारी नियमों का उल्लंघन कर अयोग्य फर्म या कंपनी से विभिन्न सामग्रियों की खरीद हो रही है. इसके नियम-कानून का पालन नहीं हो रहा है. जिले के सभी बीडीअो से कहा गया है कि वो पंचायतों में हो रही खरीद में कुछ मानकों का पालन जरूर करें. पंचायतों/प्रखंडों में खरीद की शर्तें- फर्म का लघु इकाई होना जरूरी, ताकि लघु उद्योग को बढ़ावा मिले- फर्म आइएसअो सर्टिफाइड होना चाहिए- फर्म का लघु उद्योग निगम से निबंधित होना जरूरी- फर्म का वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) व टिन नंबर होना चाहिए- बिल के साथ सेल्स टैक्स का अॉनलाइन परमिट होना चाहिए- फर्म व संचालक दोनों का परमानेंट एकाउंट नंबर (पैन) होना चाहिए बिहार में पंचायतों की अॉडिट जरूरी बिहार सरकार ने तय किया है कि वह पंचायतों से उनके खर्च का हिसाब लेकर उन्हें अागे फंड देगी. पंचायतों में टेंडर व ठेकेदारी देने की प्रक्रिया, खर्च का लेखा-जोखा, किस मद में कैसे व कितना खर्च किया गया तथा लेखा संधारण (एकाउंट) की जांच होनी है. वित्त विभाग ने पंचायतों की अॉडिट के लिए विशेष निदेशालय बनाया है. इसकी रिपोर्ट विधानसभा सत्र में पेश की जायेगी. साथ ही इसकी कॉपी लोक लेखा समिति को भेजी जायेगी. तय किया गया है कि जिन पंचायतों का अॉडिट होगा, उन्हें ही राशि की दूसरी किस्त दी जायेगी.
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पंचायतों में हो रही खरीद में गड़बड़ी
पंचायतों में हो रही खरीद में गड़बड़ी-डीडीसी ने जारी किया क्रय संबंधी गाइडलाइनसंजय, रांचीराज्य भर के पंचायतों में हो रही खरीद में गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही है. पहले पंचायत सचिवालय के लिए खरीदे गये जेनरेटर व फर्नीचर, इसके बाद सोलर स्ट्रीट लाइट और अब पानी टैंकर सहित अन्य खरीद पर सवाल खड़े हो रहे […]
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