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2500 शक्षिक बनेंगे हेडमास्टर

2500 शिक्षक बनेंगे हेडमास्टर मध्य विद्यालयों के 3057 में से 2660 पद रिक्तस्नातक ट्रेंड वेतनमान में पांच वर्ष सेवा पूरा करने वाले बनेंगे हेडमास्टर सभी जिलों में एक साथ पूरी की जायेगी प्रोन्नति की प्रक्रियासंवाददाता, रांची राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में कार्यरत उच्च योग्यताधारी 2500 शिक्षक प्रधानाध्यापक बनेंगे़ शिक्षकों की प्रोन्नति के प्रस्ताव […]

2500 शिक्षक बनेंगे हेडमास्टर मध्य विद्यालयों के 3057 में से 2660 पद रिक्तस्नातक ट्रेंड वेतनमान में पांच वर्ष सेवा पूरा करने वाले बनेंगे हेडमास्टर सभी जिलों में एक साथ पूरी की जायेगी प्रोन्नति की प्रक्रियासंवाददाता, रांची राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में कार्यरत उच्च योग्यताधारी 2500 शिक्षक प्रधानाध्यापक बनेंगे़ शिक्षकों की प्रोन्नति के प्रस्ताव को कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद राज्य के नौ हजार शिक्षकों की प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है़ प्रोन्नति की प्रक्रिया सभी जिलों में एक साथ शुरू होगी़ इनमें से लगभग 2500 शिक्षक मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक बनाये जायेंगे़ राज्य के मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के कुल 3057 पद स्वीकृत है़ं वर्तमान में मात्र 397 प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं. 2660 मध्य विद्यालयों में स्थायी प्रधानाध्यापक नहीं हैं. ये प्रभारी प्रधानाध्यापक के भरोसे चल रहे हैं. प्रोन्नति पानेवाले शिक्षकों में वर्ष 1987 में नियुक्त 128, 1988 में नियुक्त 2214, 1994 में नियुक्त 4500 व 1999-2000 में नियुक्त 2375 शिक्षक शामिल है़ं शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से प्रोन्नति दी जायेगी़ प्रोन्नति पानेवाले सभी शिक्षकों को ग्रेड वन से ग्रेड टू में प्रोन्नति दी जायेगी़ इनके अलावा वैसे शिक्षक जो स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान में पांच वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं, उन्हें प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति दी जायेगी़ प्रोन्नति के लिए शिक्षकों की वरीयता सूची जिला स्तर पर तैयार की जायेगी़ प्राथमिक शिक्षक संघ ने सरकार से मांग की है कि कैबिनेट के निर्णय के बाद प्रोन्नति की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाय. खूंटी में एक भी हेडमास्टर नहीं खूंटी जिले के एक भी मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक नहीं है़ं जिले में वर्ष 2011 से प्रधानाध्यापक के सभी पद रिक्त हैं. इसके अलावा हजारीबाग व लोहरदगा में दो-दो, साहेबगंज में तीन, पाकुड़ में सात, जामताड़ा में आठ व कोडरमा के नौ स्कूलों में ही प्रधानाध्यापक हैं. प्रधानाध्यापक के नहीं होने से विद्यालयों का कामकाज प्रभावित होता है़ विद्यालय के पठन-पाठन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है़ शैक्षणिक माहौल बेहतर होगा अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने कहा है कि विद्यालयों में स्थायी प्रधानाध्यापक की नियुक्ति से स्कूलों का शैक्षणिक माहौल बेहतर होगा़ विद्यालय का संचालन व्यवस्थित तरीके से होगा़ विद्यालयों में फिलहाल जूनियर शिक्षक को प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया गया है़ इसके अलावा वैसे जिले, जिनमें एक भी प्रधानाध्यापक नहीं है, वहां के शिक्षक को वेतन निकासी के लिए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना होगा़ जिलाें में प्रधानाध्यापकों की स्थितिजिला®स्वीकृत®कार्यरत प़ सिंहभूम®180®12पू़ सिंहभूम®195®08सरायकेला®100®08खूंटी®65®00लोहरदगा®74®02सिमडेगा®80®06गुमला®118®24रांची®255®91लातेहार®118®17पलामू®222®30गढ़वा®145®16रामगढ़®53®10बोकारो®116®21चतरा®81®19हजारीबाग®124®02गिरिडीह®170®27धनबाद®215®21कोडरमा®52®09जामताड़ा®84®08देवघर®137®29गोड्डा®175®17दुमका®153®14पाकुड़®78®07साहेबगंज®87®03

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