सर्व शिक्षा अभियान के तहत खोले गये विद्यालय पर
विश्रमपुर (पलामू) : विश्रमपुर प्रखंड की बघमनवां पंचायत अंतर्गत आदिवासी व हरिजन बहुल गांव है गौरा. इस गांव में हड़ही टोला है. इस टोले की आबादी लगभग 250 है. 50 घर के इस टोले में भुइयां जाति के लोग हैं. सर्व शिक्षा अभियान के तहत 2002 में इस टोले पर न्यू प्राथमिक विद्यालय खुला. तब से लेकर आज तक इस विद्यालय पर एक ही परिवार का कब्जा है.
इस विद्यालय में दो पारा शिक्षक हैं. महेश्वर राम व संजय कुमार. महेश्वर राम इस विद्यालय के प्रभारी व सचिव भी हैं. उनकी पत्नी रामपति देवी विद्यालय माता समिति की संयोजिका है. इनकी बहू मंजू देवी विद्यालय प्रबंध समिति की अध्यक्ष है. इस तरह इस विद्यालय पर महेश्वर राम का कब्जा है.
प्रभारी शिक्षक महेश्वर राम विद्यालय भी नहीं जाते. जबसे विद्यालय खुला है, तब से यहां मध्याह्न् भोजन योजना शुरू ही नहीं हुई. इतना ही नहीं, बच्चों के बीच सरकारी पुस्तकों व पोशाक का वितरण भी आज तक नहीं हुआ है. इस विद्यालय की पढ़ाई– लिखाई का सारा जिम्मा पारा शिक्षक संजय कुमार पर है.
जब ग्रामीणों ने महेश्वर राम की कार्यशैली का विरोध किया, तो वे मारपीट पर उतारू हो गये. हड़ही टोला के ग्रामीणों ने महेश्वर राम के खिलाफ शिकायत पंचायत की मुखिया सहोदरी देवी से की. ग्रामीणों की शिकायत के आलोक में मुखिया ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के पास इसकी लिखित सूचना देते हुए जांच की मांग की. प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी लक्ष्मी नारायण पांडेय ने विद्यालय का निरीक्षण किया.
निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों का सारा आरोप सही पाया गया. बीइओ श्री पांडेय ने माता समिति व विद्यालय प्रबंध समिति को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया और नयी समिति गठित करने का आदेश दिया. नयी समिति के गठन की जिम्मेवारी मुखिया सहोदरी देवी को दी गयी. नयी समिति के गठन हेतु आमसभा हुई. लेकिन ग्रामीण इस बात पर अड़े रहे कि महेश्वर राम को निलंबित किया जाये.
ग्रामीण सिर्फ नयी समिति के गठन से संतुष्ट नहीं हैं. वे चाहते हैं कि इतने वर्षो तक ग्रामीणों को धोखा देने वाले सचिव सह प्रभारी महेश्वर राम को अविलंब निलंबित कर दूसरे शिक्षक को विद्यालय का प्रभार दिया जाये.