मेदिनीनगर : राजहरा कोलियरी पर छाया संकट का बादल छंटने का नाम नहीं ले रहा है. उम्मीद की जा रही थी कि अप्रैल माह तक उत्पादन शुरू हो जायेगा. देर की वजह बतायी जा रही थी कि जहां से कोयला का उत्पादन होना है, उन क्षेत्रों में पानी भरा हुआ है. पानी निकालने का काम चल रहा था.
मई के प्रथम सप्ताह में यह कार्य पूरा हो गया. पानी सूख गया है, फिर भी उत्पादन शुरू नहीं हुआ है. इसे लेकर लोगों में निराशा है. लोगों का कहना है कि प्रबंधन का अपेक्षित ध्यान नहीं है. यही कारण है कि राजहरा कोलियरी में उत्पादन शुरू नहीं हो पा रहा है.
क्या है स्थिति
राजहरा कोलियरी में उत्पादन शुरू नहीं होने के पीछे यह भी बताया जा रहा है कि कोलियरी का डोजर ब्रेक डाउन है. खदान से पानी निकालने के लिए जो पंप लगे हैं, वह पिछले चार दिन से डीजल के अभाव में चल नहीं रहे हैं.
प्रबंधन द्वारा बार-बार यह कहा जा रहा है कि वरीय अधिकारियों को अवगत कराया गया है. जल्द ही नयी मशीन आ रही है,क्योंकि अभी कोलियरी में जो भी मशीन है, वह काफी पुरानी हो चुकी है.
कोयले का अकूत भंडार
जानकारों को कहना है कि राजहरा कोलियरी क्षेत्र में कोयला का अकूत भंडार है. जो सर्वे रिपोर्ट आयी है, उसके मुताबिक इस इलाके में जो कोयला है, उससे आने वाले 50 साल तक उत्पादन किया जा सकता है. कोलियरी से जुड़े लोगों का कहना है कि स्थानीय स्तर से लेकर मुख्यालय तक के लोग इसमें अपेक्षित ध्यान नहीं दे रहे हैं. यही वजह है कि कोयला का उत्पादन शुरू नहीं हो पा रहा है.
2011 में खदान में पानी भरा होने के कारण डीजीएमएस द्वारा सेक्शन ट्वेंटी टू लगाया गया था. इसके बाद से उत्पादन बंद था. अभी तक महाप्रबंधक द्वारा सेक्शन ट्वेंटी टू हटे, इस दिशा में ठोस पहल नहीं कर सके. इसके कारण मामला लटका हुआ है. यह भी कोलियरी में उत्पादन शुरू होने में एक बाधा है. कुछ दिन पूर्व प्रबंधन द्वारा यह कहा गया था कि जमीन का अभाव है. लेकिन बाद में जमीन का मालिकाना हक ग्रामीणों को देकर इस समस्या को भी दूर किया गया था. लेकिन इसके बाद भी अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आये.
– अजीत मिश्र –