मेदिनीनगर : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण ने कहा कि राष्ट्र व समाज की उन्नति के लिए यह आवश्यक है कि महिलाओं को समाज में अपेक्षित मान-सम्मान मिले. क्योंकि महिला सिर्फ एक महिला नहीं, बल्कि समाज व परिवार की धुरी है. अलग-अलग जगहों पर नारी की भले ही अलग भूमिका है.
सभी भूमिका समाज के लिए महत्वपूर्ण है. चाहे वह मां के रूप में हो, पत्नी के रूप में हो, बहन-बेटी के रूप में हो. सभी भूमिका में समाज व परिवार का हित छिपा हुआ है. इसलिए महिलाओं के त्याग व समर्पण को सम्मान के दृष्टि से देखा जाना चाहिए. कभी उन्हें प्रताड़ित या शोषण नहीं किया जाना चाहिए. समाज में ऐसा वातावरण बनना चाहिए, जब महिलाओं को कानून द्वारा प्रदत्त का अधिकार का इस्तेमाल की जरूरत न हो. यह तभी होगा, जब महिलाओं के प्रति समाज की सोच में बदलाव आयेगा. यदि कोई भी महिलाओं के ऊपर अत्याचार करता है, तो इस परिस्थिति में कानून को हाथ में लेने के बजाये, कानून के साथ चल कर दोषी के खिलाफ विधि-सम्मत कार्रवाई करानी चाहिए. आयोग की अध्यक्ष श्रीमती शरण पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति नगर भवन में आयोजित प्रमंडल स्तरीय कानूनी जागरूकता कार्यशाला के दूसरे दिन समापन सत्र में बोल रही थी. श्रीमती शरण ने कहा कि कार्यशाला की सार्थकर्ता तभी सिद्ध होगी, जब इसमें बतायी गयी बातों को महिलाएं अमल में लायेंगी.