लातेहार. मानव तस्करी मामले में पीडि़ता ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) राजेश कुमार पांडेय की अदालत में उपस्थित होकर बयान कलमबद्ध कराया. उसने अदालत में आरोपी बाबा वामदेव को निर्दोष बताया.
अनुसूचित जाति, जनजाति वाद संख्या 03/13 की गवाही के दौरान जो बातें उसने बतायी उसके अनुसार वह बाबा वामदेव को नहीं पहचानती है और न तो वामदेव ने उसे दिल्ली में बेचा था. महुआडांड़ निवासी पीडि़ता ने यह भी बताया कि जो लोग मानव तस्करी में लिप्त हैं, वह कानून की गिरफ्त से बाहर हैं. और जो सलाखों के पीछे बंद हैं वह बिल्कुल निर्दोष है. मालूम हो कि बाबा वामदेव के खिलाफ विचाराधीन जीआर वाद संख्या 112/13 में भादवि की धारा 367, 368, 370, 371, 376, 316, 406, 120 बी, 03 (6) (10) (11) एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोपी बनाया गया था.
अदालती गिरफ्तारी वारंट के सहारे महुआडांड़ पुलिस ने उसे धुर्वा, रांची से बड़े ही नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर अगस्त 2014 में जेल भेजा था. मालूम हो कि बाबा वामदेव ने उक्त वाद के विचारण में स्वयं भाग लेने की अपील अदालत से की थी. अदालत ने उसे इसकी अनुमति प्रदान की थी. पीडि़ता का जिरह बाबा वामदेव ने ही किया, जबकि अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक ओम प्रकाश तिवारी ने मामले को अदालत में प्रस्तुत किया.