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डॉक्टरों ने किया काम का बहिष्कार, ओपीडी सेवा ठप

कोडरमा : मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, सेवा शर्तों में सुधार समेत अन्य मांगों को लेकर जिले के सरकारी डाॅक्टर कार्य बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर चले गये हैं. आंदोलन के तहत सदर अस्पताल समेत विभिन्न प्रखंडों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात डाॅक्टरों ने बुधवार को जहां कार्य का बहिष्कार कर रोष जताया, वहीं […]

कोडरमा : मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, सेवा शर्तों में सुधार समेत अन्य मांगों को लेकर जिले के सरकारी डाॅक्टर कार्य बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर चले गये हैं. आंदोलन के तहत सदर अस्पताल समेत विभिन्न प्रखंडों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात डाॅक्टरों ने बुधवार को जहां कार्य का बहिष्कार कर रोष जताया, वहीं ओपीडी सेवा ठप रहने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. डाॅक्टरों के इस आंदोलन को पूर्व मंत्री सह राजद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने भी अपना समर्थन दिया है.
जानकारी के अनुसार झासा के बैनर तले सरकारी डाॅक्टरों का कार्य बहिष्कार बुधवार को शुरू हुआ, जो गुरुवार को भी जारी रहेगा. शुक्रवार 30 अक्तूबर को जिले के सरकारी व निजी डाॅक्टर झासा व आइएमए के बैनर तले कार्य बहिष्कार करेंगे. डाॅक्टरों के कार्य बहिष्कार से सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा पूरी तरह ठप हो गयी है. हालांकि इमरजेंसी व भरती मरीजों का डाॅक्टरों ने इलाज किया. सदर अस्पताल में सभी चिकित्सा पदाधिकारियों ने एकजुट होकर अपनी मांगों के समर्थन में कार्य बहिष्कार कर एकजुटता दिखाई. यहां तक की सिविल सर्जन व वरीय चिकित्सा पदाधिकारियों ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दिया.
मौके पर पहुंची पूर्व मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने अपना समर्थन देते हुए कहा कि सरकार को जल्द डाॅक्टरों की मांगें माननी चाहिए. कार्य बहिष्कार करनेवालों में मुख्य रूप से झासा के अध्यक्ष डाॅ एसके झा, सचिव डाॅ एबी प्रसाद, राज्य झासा के संयुक्त सचिव डाॅ रमण कुमार, राज्य झासा के उपाध्यक्ष डाॅ शरद कुमार, वरीय चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ रंजन कुमार, जिला कुष्ठ पदाधिकारी डाॅ गोपाल प्रसाद, डाॅ अरमेंद्र कुमार, डाॅ आशीष कुमार, डाॅ संध्या टोप्पनो, डाॅ अनुप्रिया, डाॅ मनोज कुमार, डाॅ भारती सिन्हा व अन्य शामिल हैं. झासा के डाॅ रमण कुमार व डाॅ शरद कुमार ने बताया कि सरकार लगातार उठाई जा रही मांग के बावजूद मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं कर रही है. बिना गैर रासायनिक भत्ता दिये निजी व्यवसाय पर अंकुश लगाया जा रहा है. यही नहीं कार्य का निर्धारण भी सही से नहीं हो रहा है. चिकित्सक वर्ग को अपने वेतन बढ़ोतरी के लिए सेवा अवधि विनियम के लिए परेशानी हो रही है. इन मांगों व परेशानी को लेकर यह आंदोलन हो रहा है.
उन्होंने कहा कि सरकार डाॅक्टरों पर दबाव तो बना रही है, पर सरकारी अस्पतालों में इलाज की पूरी व्यवस्था नहीं है. उन्होंने बताया कि दो अक्तूबर को जिले के चिकित्सा पदाधिकारी सामूहिक इस्तीफा पर हस्ताक्षर कर राज्य झासा को सौंप देंगे. अब तक 29 चिकित्सा पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा पर हस्ताक्षर कर दिया है.
प्रखंडों में भी दिखा हड़ताल का व्यापक असर : मरकच्चो/डोमचांच. सरकारी चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार पर चले जाने के कारण मरकच्चो प्रखंड की चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हुई है
प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में इलाज कराने आये मरीजों को डॉक्टर नहीं रहने के कारण वापस लौटना पड़ा. प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाके ललकापानी से पांच किलोमीटर पैदल चल सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पंहुची 70 वर्षीय पूनवा मो ने बताया कि वो बहुत मुश्किल से पैदल चल यहां इलाज के लिए पहुंची है. अब डॉक्टर नहीं रहने से उन्हें उतनी दूर फिर वापस लौटना पड़ेगा. मरकच्चो निवासी सना प्रवीण, शाहगंज निवासी मो नवाब, रेणु देवी, कलिया देवी समेत दर्जनों मरीज डॉक्टर नहीं रहने की वजह से परेशान दिखे. कई मरीजों ने तो निजी क्लीनिकों में जाकर अपना इलाज करवाया. इधर, डोमचांच रेफरल अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल से करीब सैकड़ों मरीजों को बिना इलाज करायें वापस लौट गये. डाॅ अरुण कुमार द्वारा 10 आपातकालीन मरीजों का इलाज किया गया.
38 डाॅक्टर कार्य बहिष्कार पर, चिकित्सा व्यवस्था चरमरायी
झासा के बैनर तले जिले के 38 सरकारी डाॅक्टरों के कार्य बहिष्कार करने से चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. बुधवार को सदर अस्पताल में छह ओपीडी में मरीज देखने का काम ठप रहा. इसमें दो पुरुष, दो महिला, एक डेंटल व एक शिशु रोग ओपीडी सेवा शामिल हैं.
ओपीडी में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा. सदर अस्पताल के ओपीडी में करीब 350 से 400 मरीजों का ओपीडी में इलाज रोजाना होता है. ऐसे में इतने लोग प्रभावित हुए. कुछ लोगों ने मजबूरी में निजी अस्पतालों की ओर रुख किया. हालांकि, सदर अस्पताल में भकती मरीजों का डाॅ संध्या टोप्पनो, डाॅ रमण कुमार व डाॅ भारती सिन्हा ने इलाज किया. डाॅक्टरों के कार्य बहिष्कार से गुरुवार को भी ओपीडी सेवा ठप रहेगी. शुक्रवार को निजी अस्पतालों में भी ओपीडी ठप रहेगा.

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