14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राज्य में चल रहे हैं कई फरजी स्कूल व कॉलेज

गड़बड़ी. उपायुक्तों की जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा राज्य में वर्षों से फरजी स्कूल-कॉलेज चल रहे हैं. जो स्कूल-कॉलेज संचालित ही नहीं हैं, उसे भी मान्यता दी गयी है. इन स्कूलों से विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होते हैं. इसका खुलासा उपायुक्तों द्वारा की जांच में हुआ है. सुनील कुमार झा रांची : स्कूली शिक्षा एवं […]

गड़बड़ी. उपायुक्तों की जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा
राज्य में वर्षों से फरजी स्कूल-कॉलेज चल रहे हैं. जो स्कूल-कॉलेज संचालित ही नहीं हैं, उसे भी मान्यता दी गयी है. इन स्कूलों से विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होते हैं. इसका खुलासा उपायुक्तों द्वारा की जांच में हुआ है.
सुनील कुमार झा
रांची : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने जून में सभी उपायुक्तों को जिले के स्थापना अनुमति व प्रस्वीकृति प्राप्त (मान्यता) स्कूल-कॉलेजों की जांच कर रिपोर्ट विभाग को देने को कहा था. अब तक विभाग को जमशेदपुर, चाईबासा व देवघर जिले के स्कूल-कॉलेजों की जांच रिपोर्ट मिली है. इन जिलों में 33 स्कूल-कॉलेजों का संसाधन मापदंड के अनुरूप नहीं होने की बात कही गयी है.
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव ने इन स्कूल-कॉलेजों की स्थिति की नियमावली के अनुरूप समीक्षा करते हुए ऐसे संस्थान जो संचालित नहीं है, उनकी मान्यता समाप्त करने को कहा है. इस संबंध में सचिव ने जैक अध्यक्ष को पत्र भेजा है. इसमें आठ हाइस्कूल ऐसे हैं, जो संचालित नहीं हैं. जांच कमेटी जब स्कूल पहुंची तो उक्त स्थान पर कोई विद्यालय संचालित नहीं था. इसमें सबसे अधिक जमशेदपुर के स्कूल हैं. इन स्कूलों को झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से स्थापना अनुमति दी गयी है.
जमशेदपुर में 21 स्कूल-कॉलेज ऐसे पाये गये, जिसके पास आवश्यक संसाधन नहीं है. वहीं पश्चिमी सिंहभूम में नौ व देवघर में तीन स्कूल-कॉलेज जांच में ऐसे पाये गये, जिनके पास आवश्यक संसाधन नहीं है. इनमें से 90 फीसदी स्कूल-कॉलेज के पास भूमि नहीं है. संस्थान के पास भवन, प्रयोगशाला व पुस्तकालय का भी अभाव है. कुछ शिक्षण संस्थानों का भवन नहीं है.
नहीं होती है जांच : राज्य में मान्यता प्राप्त हाइस्कूल व इंटर कॉलेजों की प्रावधान के अनुरूप नियमित जांच नहीं हाेती. जिन शिक्षण संस्थानों को एक बार मान्यता मिल जाती है, मापदंड पूरा नहीं करने पर भी सामान्य परिस्थिति में मान्यता समाप्त नहीं की जाती. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (संशोधन ) अधिनियम 2006 में इसका प्रावधान है कि मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान निर्धारित मापदंड का पालन कर रहे हैं या नहीं, इसकी तीन वर्ष में समीक्षा की जाये. पर जैक द्वारा सामान्यत: इसकी समीक्षा नहीं की जाती. समीक्षा होने की स्थिति में ऐसे स्कूल-कॉलेजों का संचालन नहीं होता.
प्रभात खबर की रिपोर्ट पर हो रही जांच
प्रभात खबर ने इस वर्ष 16 जून माह के अंक में आदिवासी आवासीय विद्यालय पिस्का की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसमें विद्यालय संचालित नहीं होने के बाद भी स्कूल से विद्यार्थियों को मैट्रिक परीक्षा में शामिल कराने के खुलासा किया गया था. इसके बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव ने राज्य के सभी स्थापना अनुमति व प्रस्वीकृति प्राप्त हाइस्कूल व इंटर कॉलेजों के जांच का निर्देश जारी किया था. जांच की जिम्मेदारी सभी जिलों के उपायुक्त को दी गयी थी.
राज्य के स्थापना अनुमति व प्रस्वीकृति प्राप्त हाइस्कूल व इंटर कॉलेज की जांच का निर्देश सभी उपायुक्त को दिया गया था. कुछ जिलों से जांच रिपोर्ट मिली है. रिपोर्ट में स्कूल-कॉलेजों की स्थिति की जानकारी दी गयी है. वैसे स्कूल-कॉलेज जिनका संचालन नहीं हो रहा है, उसकी मान्यता समाप्त की जायेगी. इस मामले में कार्रवाई के लिए जैक को रिपोर्ट भेज दी गयी है.
आराधना पटनायक, सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें