डकरा : मानकी के बेलांगी पहाड़ का लगभग 200 मीटर परिधि का हिस्सा जल रहा है. कई जगहों पर जमीन के अंदर से गैस निकल रही है. जिससे लोगों को घुटन महसूस हो रही है. आग सात-आठ वर्षों से लगी हुई है, जो दिनों दिन फैलती जा रही है.
आसपास के ग्रामीण बेलांगी पहाड़ को अपना कुल गुरु मान कर इसकी पूजा करते हैं. अब आग पूजा स्थल की ओर बढ़ रही है, जिससे लोग चिंतित हैं. ज्ञात हो कि मानकी में आजादी के समय से ही भूमिगत कोयला खदान है. कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद भी कोल इंडिया इसे चलाती रही, लेकिन समय के साथ खदान की खतरनाक स्थिति को देखते हुए 1990 में सीसीएल ने इसे बंद करा दिया. बाद में खदान के भीतर कई जगहों पर आग लग गयी. इसी आग ने बेलांगी पहाड़ को चपेट में ले लिया है.
खदान बेलांगी पहाड़ के नीचे से गुजरा है. आग बुझाने के गंभीर प्रयास नहीं होने से अब जहां-तहां जमीन धंसने लगी है. पांच अगस्त को मानकी काली मंदिर के पीछे की जमीन का एक बड़ा हिस्सा धंस गया था व गैस निकलने लगी थी. सीसीएल प्रबंधन को जानकारी देने के बाद उसे बालू से ढंकने की कोशिश की गयी, लेकिन धंसी हुई जमीन के मुहाने पर गिराया गया बालू नीचे चला गया. पहाड़ पर फैली आग पेड़-पौधों को चपेट में ले रही है. कई मवेशी भी इसकी चपेट में आ चुके हैं.
आग को लेकर प्रबंधन गंभीर : खान सुरक्षा अधिकारी
मानकी बेलांगी पहाड़ व आसपास में लगी आग को लेकर सीसीएल प्रबंधन गंभीर है. पांच अगस्त को जमीन धंसने की घटना के बाद महाप्रबंधक एमके राव ने स्वयं स्थल का निरीक्षण कर जरूरी कदम उठाने की बात कही थी. जिस पर काम किया जा रहा है. उक्त बातें एनके एरिया के खान सुरक्षा अधिकारी प्रभाष पात्रो ने कही. उन्होंने बताया कि आसपास के लोगों से जमीन खाली करने को कहा गया है.