जामताड़ा : करमाटांड़ के नंदन कानन में बंगाली समिति की बैठक की गयी. इसमें पटना से समिति के सचिव सुनिर्मल दास ने भाग लिया. पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की दो सौ वर्ष पूरा होने पर कई प्रकार के खेल-कूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया. वर्ष 2019 में पंडित जी का दो सौ वर्ष पूरा हो रहा है. कमेटी ने उनकी जयंती पर साइकिल से उनके पैतृक गांव बंगाल के मदिनीपुर जाने का निर्णय लिया. समिति के सदस्य डीडी भंडारी ने कहा कि वे करमाटांड़ में रहकर विधवा विवाह को समाज में मान्यता दी थी.
सबसे पहले उन्होंने ही विधवा विवाह की वकालत की थी. समाज में इसका बहुत विरोध भी हुआ लेकिन कुसंस्कार को खत्म किया. विद्यासागर में रह कर ही गरीबों को शिक्षा दान दिये. शिक्षा का अलख जगाने का काम करमाटांड़ से ही किया गया था. इस मौके पर ईला फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ पीके सरखेल, देवाशीष मिश्रा, दिलीप दास, सचिंद्र नाथ घोष मौजूद थे.