27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पंचतत्व में विलीन हुए पद्म श्री प्रो दिगंबर हांसदा, राजकीय सम्मान के साथ निकली शव यात्रा, See PICS

संथाली भाषा को देश-विदेश में पहुंचाने वाले पद्म श्री प्रो दिगंबर हांसदा शुक्रवार (20 नवंबर, 2020) को पंचतत्व में विलीन हो गये. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी शव यात्रा निकली और पार्थिव शरीर का पार्वती घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया.

जमशेदपुर (संजीव भारद्वाज) : संथाली भाषा को देश-विदेश में पहुंचाने वाले पद्म श्री प्रो दिगंबर हांसदा शुक्रवार (20 नवंबर, 2020) को पंचतत्व में विलीन हो गये. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी शव यात्रा निकली और पार्थिव शरीर का पार्वती घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया.

जिला प्रशासन की ओर से प्रो हांसदा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उनके अंतिम संस्कार में झारखंड सरकार के मंत्री चंपई सोरेन, विधायक रामदास सोरेन, समीर महंती, संजीव सरदार, जिला उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह समेत राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों के सैकड़ों लोग शामिल हुए.

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को प्रो हांसदा का जमशेदपुर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया था. उनके निधन से सामाजिक व राजनीतिक दलों में शोक की लहर दौड़ गयी थी. प्रो हांसदा के निधन की खबर मिलते ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास श्रद्धांजिल देने के लिए उनके घर पहुंचे थे.

Also Read: पद्मश्री प्राेफेसर दिगंबर हांसदा का जमशेदपुर में निधन, राजकीय सम्मान के साथ कल होगी अंत्येष्टि

झारखंड सरकार के मंत्री चंपई साेरेन, विधायक संजीव सरदार, पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी, मेनका सरदार, उपायुक्त सूरज कुमार, एसएसपी एम तामिल वाणन समेत बड़ी संख्या में विभिन्न राजनीतिक दलाें के लाेग, शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधि, स्थानीय बुद्धिजीवी व समाज के लाेग उनके आवास पर पहुंचे थे.

Undefined
पंचतत्व में विलीन हुए पद्म श्री प्रो दिगंबर हांसदा, राजकीय सम्मान के साथ निकली शव यात्रा, see pics 2

ज्ञात हो कि साहित्य अकादमी के सदस्य रहे प्रो हांसदा का जनजातीय भाषाओं के उत्थान में अहम योगदान रहा. उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं. वे केंद्र सरकार के जनजातीय अनुसंधान संस्थान व साहित्य अकादमी के सदस्य रहे. कई पाठ्य पुस्तकों का देवनागरी से संथाली में अनुवाद किया. इंटरमीडिएट, स्नातक और स्नातकोत्तर के लिए संथाली भाषा का कोर्स तैयार किया.

Also Read: छठ महापर्व में विघ्न डाल रही बारिश, फल व पूजा सामग्रियों के विक्रेता मायूस

प्रो हांसदा ने भारतीय संविधान का संथाली भाषा की ओलचिकि लिपि में अनुवाद किया. वह कोल्हान विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य भी रहे. उन्होंने सिलेबस की किताबों का देवनागरी से संथाली में अनुवाद किया. इसके अलावा राज्य सरकार के अधीन उन्होंने इंटरमीडिएट, स्नातक और स्नातकोत्तर के लिए संथाली भाषा का कोर्स संग्रहीत किया.

Posted By : Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें