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टेल्को यूनियन . यूनियन भंग,को-आॅप्शन प्रस्ताव पारित

जमशेदपुर: टेल्को वर्कर्स यूनियन की चंद्रभान गुट की आमसभा में कर्मचारियों ने हाथ उठा कर यूनियन की वर्तमान कमेटी को भंग कर नये सिरे से चुनाव कराने और को-आप्शन कर बाहरी को नेता चुनने का प्रस्ताव पारित किया. मंगलवार को टेल्को आजाद मार्केट स्थित इंजन पार्क में आयोजित आमसभा में यूनियन के सदस्य अजीत सिंह […]

जमशेदपुर: टेल्को वर्कर्स यूनियन की चंद्रभान गुट की आमसभा में कर्मचारियों ने हाथ उठा कर यूनियन की वर्तमान कमेटी को भंग कर नये सिरे से चुनाव कराने और को-आप्शन कर बाहरी को नेता चुनने का प्रस्ताव पारित किया. मंगलवार को टेल्को आजाद मार्केट स्थित इंजन पार्क में आयोजित आमसभा में यूनियन के सदस्य अजीत सिंह ने यूनियन को भंग करने का प्रस्ताव पढ़ा. जिसके बाद कर्मचारियों ने यूनियन भंग करने के प्रस्ताव को हाथ उठा कर पारित किया तथा नये सिरे से चुनाव कराने की मांग रखी. आमसभा की अध्यक्षता चंद्रेश्वर सिंह, स्वागत भाषण शमशेर खान और धन्यवाद ज्ञापन डीके सिंह ने किया. आमसभा की शुरुआत तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता के निधन पर दो मिनट का मौन रख हुई. कमेटी मेंबर जसपाल सिंह ने कहा कि कर्मचारियों के पास एक मात्र विकल्प नया जनादेश है.
ठेकेदार- सप्लायर क्या करेंगे कर्मचारी हित की बात
अपने संबोधन में चंद्रभान सिंह ने यूनियन के दोनों खेमा के साथ प्रबंधन और टीएमएल ड्राइव लाइन यूनियन पर निशाना साधा. बिना किसी का नाम लिये कहा कि बाहर के लोग कुछ लोग ट्रेड यूनियन के ज्ञाता बन गये हैं. जो कंपनी के ठेकेदार व सप्लायर हैं वे भला प्रबंधन से कर्मियों के हित की क्या बात करेंगे. ऐसे लोग अपनी ठेकेदारी, दुकानदारी चलाने के लिए सलाहकार बनकर अपने स्वार्थ की रोटी सेक रहे हैं. कुछ लोग प्रबंधन का काम आसान कर रहे हैं. अफसर भी ट्रेड यूनियन से काम आसान होने की बात कह रहे हैं. बदलाव की बात कह कर सत्ता में आने वाले की असलियत कुछ ही महीने में सामने आ चुकी है.
अपने बच्चों के भविष्य के लिए आवाज बुलंद करें
चंद्रभान सिंह ने कहा कि अब भी कर्मचारी नहीं जागे, तो भविष्य अंधकारमय हो जायेगा. मजदूरों की एकता की भाषा ही प्रबंधन सुनता है. पंतनगर में कर्मचारियों के दबाव में प्रबंधन को झुकना पड़ा. पुणे का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां अभी तक मामला लटका हुआ है. कर्मचारियों को चूकना नहीं चाहिये. एक बार समय मिला है. बच्चों का भविष्य संवारने के लिए आवाज बुलंद करें. बाहरी कर्मी पुत्रों की बहाली का रास्ता खोल कर्मी पुत्रों का भविष्य अंधकारमय कर दिया गया है. टेल्को यूनियन के कर्मचारियों ने अपनी एकता से इतिहास रचा है. यहां 48 दिन की हड़ताल हुई है.
कर्मचारी पुत्रों के आंदोलन के समय कहां थे चंद्रभान : त्रिपाठी
जमशेदपुर . भाजपा नेता डीडी त्रिपाठी ने कहा है कि आज बाहरी की बहाली पर चिंता प्रकट करने वाले चंद्रभान उस दिन कहां थे जब निबंधित पुत्रों की लड़ाई को लेकर वे कंपनी गेट के सामने आमरण अनशन पर बैठे थे. तब उन्होंने कर्मचारी पुत्रों की सुधि नहीं ली. आज बाहरी नियोजन व ग्रेड रिवीजन के नाम पर मजदूरों को गोलबंद करने का कुचक्र रच रहे है. ऐसे नेताओं से कर्मचारियों को परहेज करना चाहिये.
बुरे दौर से गुजर रही यूनियन : चंद्रभान
चंद्रभान ने कहा कि कर्मचारियों की मददगार और कवच बनने के बजाय यूनियन आज सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. एक गुट ने कार्यकारी अध्यक्ष को हटा दिया. दूसरे ने अध्यक्ष- महामंत्री को यूनियन से निकाल दिया. अब यूनियन में बचा ही कौन है? ऐसे लोग यूनियन को कहां ले जायेंगे? मेरे 40 साल के कैरियर में ऐसा नहीं हुआ था. आज क्या स्थिति है? आज हर बात के लिए सुपरवाइजर से पूछना पड़ता है. एक के बाद अधिकार छीने जा रहे हैं और यूनियन से जुड़े लोग मूक दर्शक बने हुए हैं. कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय उनके सवालों से बचने के बहाने ढूंढ़े जा रहे हैं. एेसी स्थिति पहले कभी नहीं रही.
कर्मचारियों से कराया गया हस्ताक्षर
आमसभा के पास स्थित पार्किंग गेट और आमसभा स्थल पर कर्मचारियों से यूनियन को भंग करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा था. पार्किंग गेट के समीप ड्यूटी से छुट्टी के समय चंद्रभान खेमा के लोग कर्मचारियों से आमसभा में शामिल होने और हस्ताक्षर करने को कह रहे थे.
चापलूसी करने वालों की होगी अच्छी ग्रेडिंग
ग्रेड रिवीजन और एमओपी की चरचा करते हुए चंद्रभान ने कहा कि अब चापलूसी करने वालों की ग्रेडिंग अच्छी होगी. चार साल का ग्रेड समझौता को प्रस्ताव को मैंने तीन साल पूर्व ही नकार दिया था. जैसे मुझे कागज दिया गया. उसे डस्टबिन में डाल दिया. ग्रेडिंग को रोक दिया.
यूनियन में एक नागनाथ, तो दूसरा सांपनाथ
चंद्रभान ने कहा कि यूनियन में एक नागनाथ है, तो दूसरा सांपनाथ. दोनों डंसने वाले हैं. 20 प्रतिशत का सपना दिखाया और रात के अंधेरे में बोनस पर साइन किया. क्या मजबूरी थी आज तक कर्मचारियों को नहीं बता पाये. यूनियन की अब तक की उपलब्धि आपसी लड़ाई, छींटाकशी, मारपीट और मुकदमा रही है. यह कर्मचारियों की अदालत है. स्वयं कर्मचारी अपने बारे में सोचें.

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