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अखिलेश के शूटरों ने उपेंद्र सिंह को कोर्ट कैंपस में भूना

जमशेदपुर: शहर के चर्चित पूर्व रेलवे ठेकेदार व याराना बस के मालिक बागबेड़ा कॉलोनी निवासी उपेंद्र सिंह की बुधवार को कोर्ट परिसर स्थित बार भवन में अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी गयी. उपेंद्र सिंह एक मामले में जमानत लेने के लिए समर्थकों के साथ अपने अधिवक्ता के पास आये हुए थे. इस हत्याकांड को […]

जमशेदपुर: शहर के चर्चित पूर्व रेलवे ठेकेदार व याराना बस के मालिक बागबेड़ा कॉलोनी निवासी उपेंद्र सिंह की बुधवार को कोर्ट परिसर स्थित बार भवन में अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी गयी. उपेंद्र सिंह एक मामले में जमानत लेने के लिए समर्थकों के साथ अपने अधिवक्ता के पास आये हुए थे. इस हत्याकांड को अंजाम देते समय पुलिस व अधिवक्ताअों ने अखिलेश सिंह गिरोह के दो शूटरों को पकड़ा. पूछताछ में इन शूटरों ने खुलासा किया है कि अखिलेश सिंह के बोलने पर उपेंद्र सिंह की हत्या की. गिरफ्तार शूटरों के पास से भारी संख्या में हथियार भी मिले हैं. घटना दोपहर दो बजे लंच आवर के दौरान हुई.

वकीलों के बैठने के हॉल में अपने अधिवक्ता सीएसपी राय के सामने कुर्सी पर उपेंद्र सिंह बैठे हुए थे. इस बीच दो शूटरों ने पहले उपेंद्र सिंह को कुर्सी में लात मारकर गिरा दिया अौर सिर एवं शरीर के अन्य हिस्सों में सटा कर एक के बाद एक कई गोलियां दाग दीं. उपेंद्र सिंह को तत्काल टीएमएच ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उपेंद्र सिंह को चार गोली लगी जिसमें एक सिर में और तीन गोली छाती में मारी गयी. एक हमलावर बिनाेद सिंह को भी पेट में गोली लगी है, यह गोली उसे उपेंद्र सिंह के ही लाइसेंसी रिवाल्वर से लगी है.

इस बीच पकड़े गये दो हमलावरों को वकीलों के आक्रोश के बीच कोर्ट परिसर से बाहर ले जाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. इस मामले में एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने लापरवाही के आरोप में एक हवलदार समेत सात पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. इससे पहले, बार भवन में दिनदहाड़े अंधाधुंध फायरिंग की घटना से अधिवक्ता तथा उपस्थित लोगों में भगदड़ मच गयी. जिस समय बार भवन के द्वितीय तल पर फायरिंग हो रही थी, वहां कई अधिवक्ता मौजूद थे.

जमानत लेने आये थे उपेंद्र सिंह

बागबेड़ा के सिद्धू-कान्हू मैदान में पिछले माह जमीन विवाद को लेकर मारपीट-फायरिंग की घटना हुई थी. इस मामले में उपेंद्र सिंह समेत अन्य लोगों पर मामला दर्ज हुआ था. एक दिन पूर्व सुलह के आधार पर तीन लोगों को जमानत मिली थी अौर बुधवार को उपेंद्र सिंह जमानत कराने पहुंचे थे.

चीफ जस्टिस ने जमशेदपुर कोर्ट में हुई गोली कांड पर मांगी रिपोर्ट

जमशेदपुर . जमशेदपुर कोर्ट परिसर में बुधवार की दोपहर उपेंद्र सिंह पर हुई फायरिंग मामले की घटना को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने गोलीकांड मामले में जमशेदपुर के प्रधान जिला जज और डीजीपी से रिपोर्ट मांगी है. हाई कोर्ट ने डीजीपी को जमशेदपुर समेत राज्य की सभी कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने का निर्देश दिया है. इस संबंध में हाई कोर्ट ने प्रशासनिक आदेश भी जारी किया है. जमशेदपुर कोर्ट की घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट मिलने के बाद चीफ जस्टिस ने दोनों अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. जमशेदपुर कोर्ट वाली घटना की जानकारी बार कौंसिल ने भी हाई कोर्ट को दी है. हाई कोर्ट ने जिला जज से विस्तृत रिपोर्ट देने के साथ साथ डीजीपी को भी सुरक्षा के पूरे इंतजाम करने और रिपोर्ट देने को कहा है.

सीएम नाराज, डीजीपी व एसपी को दिया निर्देश

रांची. जमेशदपुर में उपेंद्र सिंह की हत्या पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने डीजीपी और एसएसपी को अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का आदेश दिया. एसएसपी ने मुख्यमंत्री को बताया कि अपराधियों की पहचान हो चुकी है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल पहचान करने से काम नहीं चलेगा. अपराधी गिरफ्तार हो सुनिश्चित करें. स्पीडी ट्रायल करा कर अपराधियों को सजा दिलायी जाये. मुख्यमंत्री ने डीजीपी से कहा कि इस मामले में कोई भी गिरोह हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. पुलिस से लापरवाही हुई है. यह गंभीर मसला है. हर हाल में कार्रवाई करें. जितने भी कुख्यात अपराधी व गिरोह हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये.

आज से तड़ीपार होना था उपेंद्र सिंह को : उपेंद्र सिंह बिल्डर सह पार्टनर रामसकल प्रसाद की 1 अगस्त 2015 को हत्या के मामले में जेल गये थे. कुछ माह पूर्व जमानत पर छूटे थे. उपायुक्त ने उपेंद्र सिंह को छह माह के लिए तड़ीपार करने का आदेश दिया था. यह आदेश 1 दिसंबर से लागू होने वाला था.

अखिलेश सिंह ने िलया खुद पर हमले का बदला : जेलर उमा शंकर पांडेय हत्याकांड समेत कई मामलों के अभियुक्त अखिलेश सिंह पर दो साल पहले कोर्ट परिसर में हमला हुआ था. हमले में अखिलेश सिंह बच गया था. इस घटना को अंजाम दे कोर्ट परिसर में खुद पर हुए हमले का बदला अखिलेश ने उसी अंदाज में लिया है.

साकची से रिक्शे से कोर्ट पहुंचे थे अपराधी दो लाख मिला था एडवांस

जमशेदपुर. उपेंद्र सिंह हत्याकांड के शूटर साकची गोलचक्कर से रिक्शे पर सवार होकर कोर्ट पहुंचे. कोर्ट में जिस रास्ते से अधिवक्ता जाते हैं, उसी रास्ते से शूटर भी कोर्ट के अंदर गये. कोर्ट के अंदर पहले गोलमुरी केबुल टाउन का पंकज सिंह घुसा और फिर बाद में बर्मामाइंस रुइया पहाड़ का सोनू सिंह उर्फ विक्की तथा गोलमुरी का विनोद सिंह अंदर गये. तीनों शूटरों को अखिलेश सिंह के समर्थक ने नजर बनायी रखी थी. इस बात का खुलासा उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद अधिवक्ताओं द्वारा पकड़े गये शूटर विक्की उर्फ सोनू सिंह से पुलिस की पूछताछ में हुआ है. इससे पहले विक्की ने पुलिस को बताया था कि अधिवक्ता का स्टिकर लगी कार से अखिलेश सिंह के समर्थक उनको कार से कोर्ट के अंदर ले गये थे. विक्की का बयान बदलने के बाद वरीय अधिकारियों ने वीडियोग्राफी कर बयान लिया, जिसमें रिक्शे से कोर्ट तक जाने की बात विक्की ने पुलिस को बतायी है. विक्की से सीआइडी के एडीजी अजय कुमार, डीआइजी शंभू ठाकुर, एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने पूछताछ की. उसे साकची थाना में रखकर सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है. पुलिस मामले में तकनीकी सेल की मदद भी ले रही है. वहीं देर रात टीएमएच में इलाजरत शूटर विनोद सिंह को देर रात होश आ गया. टीएमएच में देर रात सिटी एसपी प्रशांत आनंद पहुंचे, जहां उसका बयान लिया जा रहा है.

29 की रात में दिया गया दो लाख एडवांस : विक्की ने पुलिस को बताया है कि पंकज सिंह ने बीती रात बिनोद सिंह को साथ लेकर उसके घर पर रुइया पहाड़ आया. पंकज ने दोनों को अखिलेश सिंह गिरोह में शामिल होने की बात कही. पंकज ने दोनों को उपेंद्र सिंह की हत्या करने का प्लान बताते हुए दो लाख रुपये एडवांस दिया. उक्त राशि को दोनों ने आपस में बांट लिया. इसके बाद पंकज दोनों को स्टेशन ले गया. वहां नाश्ता कराया व चाय पिलायी. सभी अपने घर लौट गये.

पंकज कर रहा था रेकी, भागने में गिरी 9 एमएम पिस्टल : पुलिस सूत्रों के मुताबिक उपेंद्र सिंह पौने एक बजे कोर्ट परिसर में आये. 10 मिनट तक उपेंद्र बार भवन के सामने खड़े थे. तीनों शूटर उपेंद्र सिंह को वाॅच कर रहे थे. उपेंद्र के ऊपर बार भवन में जाने के बाद पीछे से विक्की उर्फ सोनू तथा विनोद सिंह घुसे. नीचे बार भवन के ग्राउंड फ्लोर के सामने खड़े होकर पुलिस की गतिविधि पर पंकज सिंह नजर रखने लगा. पंकज सिंह द्वारा नीचे से ग्रीन सिग्नल देने बाद विनोद सिंह ने उपेंद्र सिंह की कुर्सी को लात मारी और हमला शुरू कर दिया. फायरिंग की आवाज सुनने के बाद पकड़े जाने के डर से पंकज सिंह भाग गया. पंकज ने पेट में 9 एमएम की पिस्टल खोंसी थी, जो भागने के क्रम में गिर गयी.

15 से 20 हजार देने की बात तय हुई थी : अखिलेश सिंह के समर्थकों ने पंकज, विक्की और विनोद को कहा था कि अखिलेश का काम करने के लिए प्रत्येक माह 15 से 20 हजार रुपये मिलेंगे. इसके अलावा यदि उपेंद्र की हत्या के बाद पकड़े गये, तो जेल से लेकर कोर्ट तक का खर्चा अखिलेश सिंह द्वारा दिया जाायेगा. साथ ही साथ उसके परिवार को भी अखिलेश सिंह देखेगा.

सुबह में दिया गया था मोबाइल फोन

पुलिस सूत्रों के मुताबिक 30 नवंबर को सुबह पंकज के घर पर विक्की और विनोद पहुंचे. पंकज ने विक्की और विनोद को नया मोबाइल फोन दिया. कहा कि दोनों अपने फोन का घटना में इस्तेमाल नहीं करेंगे, जो फोन दिया जा रहा है. उसी से बातचीत होगी. यह भी दिशा-निर्देश शूटरों को दिया गया कि उपेंद्र सिंह की हत्या करने के बाद सभी कोर्ट से भागने के बाद सीधे हाइवे की तरफ चले जायेंगे. हाइवे में उन्हें कार से पिक-अप कर लिया जायेगा. यह बात होने के बाद पंकज, विक्की और विनोद तीनों टेंपो से साकची गोलचक्कर पहुंचे और वहां से रिक्शे के जरिये कोर्ट गये.

अखिलेश सिंह के इशारे पर कोर्ट परिसर में उपेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या की गयी है. दो हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. एक का इलाज टीएमएच में चल रहा है. दूसरे से पुलिस पूछताछ कर रही है. आपसी वर्चस्व को लेकर हत्या की बात सामने आयी है. पुलिस टीम सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है.

अनूप टी मैथ्यू, एसएसपी.

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