उनका कहना है कि जो लोग सर्विसेज पूल में है, वे बेकार हैं और उनको बैठाकर वेतन समेत तमाम सुविधाएं नहीं दी जा सकती है. इस दौरान यूनियन बचाव के मुद्रा में नजर आयी. यह कहा गया है कि हर विभाग में जो कवरेज दिया जायेगा, उसका कवरेज को घटा दिया जायेगा और कर्मचारियों की अधिकता को किसी भी हाल में बरदाश्त नहीं किका जा सकता है.
नये बहाल कर्मचारियों को नये सिरे से ही डीए (महंगाई भत्ता) देने पर मैनेजमेंट ने अपनी ओर से भारी दबाव बनाया, क्योंकि जो व्यक्ति 2015 में ज्वाइन कर रहा है, उनको 2012 के महंगाई भत्ता कैसे दिया जा सकता है, यह दलील मैनेजमेंट की ओर से यूनियन को दी गयी. यूनियन यह सारी बातें सुनने के बाद एक बार फिर से लौट आयी और कहा है कि वे लोग फिर से विचार करने के बाद गुरुवार को वार्ता करेंगे. इसके बाद ही किसी तरह का कोई फैसला लिया जा सकता है.