बावजूद इसके अतुल की इच्छा शक्ति कमजोर नहीं हुर्इ है. उन्हें अभी भी विश्वास है कि ठीक होने के बाद वे अधूरे तालाब निर्माण कार्य को पूरा करेंगे. अतुल सिंह इस तालाब के पानी से अपने खेतों को हरा भरा देखना चाहते हैं. अतुल सिंह आज भी परिवार के भरण पोषण व रोजी रोटी के लिए भारी मात्रा में केला, निंबू, आम जामुन व कटहल के पौधे लगाना चाहते हैं.
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तालाब खोदते-खोदते 85 वर्षीय अतुल हुए बीमार
पटमदा: पटमदा के गाड़ीग्राम निवासी 85 वर्षीय अतुल सिंह अपने सपने को साकार करने के लिए पिछले साढ़े तीन वर्षों से तालाब की खुदार्इ करते-करते अंतत: बीमार हो गये. अतुल सिंह पिछले कर्इ दिनों से बेड पर पड़े हुए हैं. पथरीली जमीन पर तालाब खोदते-खोदते अब वे काफी कमजोर हो गये हैं. बावजूद इसके अतुल […]
पटमदा: पटमदा के गाड़ीग्राम निवासी 85 वर्षीय अतुल सिंह अपने सपने को साकार करने के लिए पिछले साढ़े तीन वर्षों से तालाब की खुदार्इ करते-करते अंतत: बीमार हो गये. अतुल सिंह पिछले कर्इ दिनों से बेड पर पड़े हुए हैं. पथरीली जमीन पर तालाब खोदते-खोदते अब वे काफी कमजोर हो गये हैं.
विदित हो िक प्रभात खबर ने 19 दिसंबर 2015 को 85 साल की बुढ़ी हड्डियों में जवान हौसला शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद 20 दिसंबर को गाड़ीग्राम पहुंची सरकारी टीम ने अतुल सिंह द्वारा खोदे गये तालाब का निरीक्षण किया था. निरीक्षण दल ने अतुल सिंह से कहा अब इस उम्र में तालाब न खोदे सरकार तालाब बनायेगी.
डीडीसी ने अतुल सिंह से कहा था कि पत्थर होने के कारण मनरेगा से तालाब नहीं बन सकता है, पर बुजुर्ग की मांग पूरी करने के लिए वैकल्पिक उपाय किये जाने का आश्वासन दिया था. निरीक्षण दल में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के डिप्टी कलेक्टर संजय कुमार, मुख्यमंत्री सचिवालय सहायक हेमनारायण सिंह, डीडीसी विनोद कुमार, बीडीअो सचिदानंद महतो, प्रोफेसर पंचानंद दास भी शामिल थे.
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