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उत्तरी करनडीह पंचायत: तेजी से फैल रहा है चिकन पॉक्स, एक की मौत, कई प्रभावित

जमशेदपुर : उत्तरी करनडीह पंचायत के ग्वाला पट्टी निवासी प्रवीर मंडल की बुधवार को इलाज के दौरान टीएमएच में मौत हो गयी, जबकि गांव के सरस्वती ओझा, पप्पू वर्मा, पवन वर्मा, ऋषि वर्मा, शिवानी पात्रो सहित करीब एक दर्जन लोग चिकन पॉक्स से आक्रांत हैं. तेजी से फैल रही इस बीमारी से क्षेत्र में दहशत […]

जमशेदपुर : उत्तरी करनडीह पंचायत के ग्वाला पट्टी निवासी प्रवीर मंडल की बुधवार को इलाज के दौरान टीएमएच में मौत हो गयी, जबकि गांव के सरस्वती ओझा, पप्पू वर्मा, पवन वर्मा, ऋषि वर्मा, शिवानी पात्रो सहित करीब एक दर्जन लोग चिकन पॉक्स से आक्रांत हैं. तेजी से फैल रही इस बीमारी से क्षेत्र में दहशत का माहौल है.
15 दिनों से बीमार था प्रवीर. प्रवीर मंडल पिछले 15 दिनों से बीमार था. स्थिति गंभीर होने पर उसे टीएमएच में भरती किया गया था. परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने चिकन पॉक्स के साथ-साथ जांडिस, निमोनिया व मलेरिया होने की बात बात बतायी है.
टीम ने सर्वे किया, कोई इंतजाम नहीं. उत्तरी करनडीह के मुखिया सीनी सोरेन व पंचायत समिति सदस्य राजू पात्रो ने बताया कि सिविल सर्जन को 15 दिन पहले पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी गयी थी. दो दिन पहले मेडिकल टीम सर्वे कर चली गयी. लेकिन चेचक की रोकथाम से संबंधित कोई पहल नहीं की.
जुगसलाई केंद्र प्रभारी ने सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंपी. जुगसलाई केंद्र प्रभारी डॉ पीएन तिवारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में सिविल सर्जन को बताया कि उत्तरी करनडीह में गयी जांच टीम ने दो मरीजों में चिकन पॉक्स पाया जो अब ठीक हो चुके हैं.
ग्रामीण कर रहे पूजापाठ. ग्रामीणों के मुताबिक इस क्षेत्र में चिकन पॉक्स फैलने की जानकारी मिलने के बाद भी कोई डॉक्टर नहीं आया है. ग्रामीण प्राचीन मान्यता के अनुसार घरों में साफ सफाई व पूजापाठ कर रहे हैं.
संक्रमण है मुख्य कारण. डॉक्टरों के मुताबिक यह रोग बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने व गंदगी से फैलता है. गंदगी वाले स्थान पर जाने में बचना चाहिए.
मुसाबनी : तीन लोगों में चेचक की पुष्टि
जिला सर्विलेंस पदाधिकारी डॉ साहिर पाल ने बताया कि मुसाबनी सोनगढ़ा से पांच लोगों के रक्त का नमूना जांच के लिए रांची भेजा गया था. जिसमें दो में चेचक की पुष्टि हुई है. साथ ही बर्मामाइंस चूना भट्ठा के पास गुरुवार को जांच टीम गयी थी. जांच में 14 लोगों को चेचक से आक्रांत पाया गया. तीन के रक्त का नमूना जांच के लिए रांची भेजा जा रहा है.
बीमारी के लक्षण
चिकन पॉक्स संक्रमित व्यक्ति से असंक्रमित व्यक्ति में फैलता है. चिकन पॉक्स के दानों से निकलने वाले वायरस कणों को छूने से यह फैल सकता है, आमतौर पर इस बीमारी के संपर्क में आने के बाद संक्रमित व्यक्ति में लक्षण प्रकट होने में 10 से 21 दिन का समय लगता है. इससे शरीर में खुजली, अचानक बुखार, पीठ दर्द, सिर दर्द, खून की कमी व कमजोरी रहती है.
रोकथाम के उपाय
चिकन पॉक्स को रोकने का सबसे सुरक्षित उपाय टीकाकरण है. चिकनपॉक्स का टीका 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का डॉक्टरों की सलाह से दिया जाना चाहिए. बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए पीड़ित मरीज को घर व आसपास के बच्चों के संपर्क में सीधे आने से बचना चाहिए. शीतल पेय जैसे आइसक्रिम, कोल्डड्रिंक समेत अन्य पेय व खाने पीने की चीजों से परहेज करना चाहिए.

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