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उद्योग लगाना हुआ आसान

उद्योग लगाना हुआ आसान फोटो : 9 प्रिय-1 (कार्यशाला में शामिल उद्यमी), 2 (उद्यमियों को संबोधित करते उद्योग निदेशक के रवि कुमार)सुविधा : उद्योग निदेशक ने दी नयी नीतियों की जानकारीउद्योग लगाना हुआ आसानआदित्यपुरझारखंड में इज ऑफ डूईंग बिजनेस को बढ़ावा देते हुए सरकार ने उद्योग से संबंधित कई नीतियां बनायी है. जिससे उद्योग लगाना […]

उद्योग लगाना हुआ आसान फोटो : 9 प्रिय-1 (कार्यशाला में शामिल उद्यमी), 2 (उद्यमियों को संबोधित करते उद्योग निदेशक के रवि कुमार)सुविधा : उद्योग निदेशक ने दी नयी नीतियों की जानकारीउद्योग लगाना हुआ आसानआदित्यपुरझारखंड में इज ऑफ डूईंग बिजनेस को बढ़ावा देते हुए सरकार ने उद्योग से संबंधित कई नीतियां बनायी है. जिससे उद्योग लगाना अब काफी आसान हो गया है. यह जानकारी आदित्यपुर ऑटो कलस्टर के सभागार में आयोजित कार्यशाला में उद्योग विभाग के निदेशक के रवि कुमार ने उद्यमियों को दी. उन्होंने झारखंड फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी 2015, झारखंड सिंगल विंडो क्लीयरेंस एक्ट 2015, फीड प्रोसेसिंग पॉलिसी, टूरिज्म पॉलिसी, इंडस्ट्रीयल पार्क पॉलिसी, झारखंड प्रोक्योरमेंट, झारखंड एक्सपोर्ट पॉलिसी व सिंगल विंडो पोर्टल आदि के संबंध में विस्तार से बताते हुए इसका लाभ लेने के तरीकों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि उद्योग लगाने में आने वाली सभी परेशानियों को दूर करते हुए नियमों को काफी सरल बनाया गया है. किसी प्रकार का लाइसेंस, एनओसी, निबंधन आदि के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन को कारगर बनाया गया है. इसमें गलती होने पर भी इसे अपराध नहीं माना जायेगा. गलती होने पर 1500 का जुर्माना लगाया जायेगा. बिजनेस टू गवर्नमेंट इंटरेक्शन (बीटूजी) को और आसान बनाया जायेगा. किसी भी उद्योग से संबंधित नीति बनाते समय में उद्यमियों की सलाह ली जा रही है. फरवरी माह में बीटूजी मूल्यांकन किया जायेगा. प्रदूषण से संबंधित मामलों में दिक्कत कम हुई है, लेकिन यह पूरी तरह दूर नहीं हुई है.समय सीमा में देनी होगी अनुमतिसरकार ने ऐसी नीति बनायी है कि जिसमें उद्योग लगाने के लिए किसी विभाग से संबंधित विषय में अनुमति यदि निर्धारित समय सीमा के अंदर नहीं मिलती है तो अनुमति दिया हुआ मान लिया जायेगा. सभी प्रकार की स्वीकृति कम समय में पारदर्शिता के साथ देने की प्रक्रिया अपनायी गयी है. पर्यावरणीय स्वीकृति भी कम समय में मिलेगा. नयी नीति में पेड़ काटने की भी अनुमति ऑनलाइन लेने का प्रावधान किया गया है. सभी काम हुआ ऑनलाइननिदेशक श्री कुमार के अनुसार सभी प्रकार के निबंधन के आवेदन अब ऑनलाइन लिये जायेंगे. वेबसाइट के ऑन पोर्टल पर सारी नीतियां व जानकारियां उपलब्ध करा दी गयी है. जानकारी कम होने से अभी कुछ परेशानी हो रही है. लोगों की सुविधा के लिए कंसल्टेंट भी रखे जा रहे हैं. व्यवस्था को पटरी पर आने में समय लगेगा. इसमें उद्यमियों का भी सहयोग चाहिए.नियमों का हुआ सरलीकरणसरकारी नियमों को काफी सरल बनाया गया है, ताकि काम होने में कम समय लगे. सिंगल विंडो क्लीयरेंस एक्ट संबंधित सभी कानूनों को दरकिनार करता है. आवेदन के लिए संयुक्त प्रपत्र बनाया गया है. बिजनेस का विवरण सभी जानकारी मिल जायेगी कि किस-किस चीज की स्वीकृति लेनी है. किसी से पूछने या पता लगाने की जरूरत नहीं रह गयी है.इंस्पेक्टर राज नहीं चलेगाउद्यमियों को बताया गया कि अब इंस्पेक्टर राज नहीं चलेगा, नयी नीति में ऐसे प्रवाधान किये गये हैं. किसी उद्योग के औचक या सामान्य निरीक्षण के लिए विभाग के एचओडी से अनुमति लेनी होगी. किसी भी शिकायत पर 72 घंटे में रिपोर्ट देना है.फूड व फीड प्रोसेसिंग में काफी अवसरझारखंड में आज भी चावल, आटा आदि खाद्य सामग्रियां बाहर से आती हैं. नयी नीति के तहत फूड व फीड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की यहां काफी अवसर है और कई सुविधाएं दी जा रही है. यहां प्राय: कई खाद्य सामग्रियों पर वैट नहीं है. मंडी टैक्स भी हटा दिया गया है. रांची में 33 प्लांट वाला फूड पार्क की स्थापना हुई है. जिसमें मात्र 5 प्रतिशत सरकार की हिस्सेदारी है. बोकारो व धनबाद में भी फूड पार्क खुलने वाला है. वन उत्पादों को बिना प्रसंस्करण के बाहर भेजा जाता है. इनके प्रोसेसिंग से लोगों को रोजगार व आय प्राप्त होगा. इसमें सरकार की ओर से सब्सिडी का प्रावधान है. पर्यटन से संबंधित व्यवसाय में कैपिटल सब्सिडी के अलावा टैक्स का छूट दिया जा रहा है. सोलर पावर यूनिट लगाने में वैट से छूट है. बकाये के दिलाने में भी मददलघु उद्योगों के बकाये को दिलाने में भी सरकार मदद करेगी. शिकायत निराकरण हेतु सलाहकार समिति बनेगी. जिसमें उद्यमी भी होंगे.

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