जमशेदपुर: वीमेंस कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य सुमिता मुखर्जी की गिरफ्तारी पर जिला प्रधान सत्र न्यायाधीश अमिताभ कुमार की अदालत ने रोक लगा दी है. सुमिता मुखर्जी द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सोमवार को बहस पूरी नहीं हो पायी जिसके बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 12 दिसंबर मुकर्रर करते हुए तब तक के लिए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. सुमिता मुखर्जी के खिलाफ बिष्टुपुर थाना में युवा कांग्रेस की प्रदेश महासचिव नलिनी सिन्हा की शिकायत पर मारपीट तथा हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया गया है. हत्या के प्रयास का आरोप भादवि की धारा 307 के तहत गैरजमानती है. जिसे देखते हुए गिरफ्तारी टालने के लिए प्राचार्य ने अग्रिम जमानत अरजी दायर की थी.
10 दिनों से चल रहा प्रकरण
नलिनी सिन्हा और वीमेंस कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य सुमिता मुखर्जी का यह विवाद एक सप्ताह से चल रहा है. मामला कांग्रेस से जुड़ा होने के कारण इसे राजनीतिक मुद्दा भी बनाया जा चुका है. अब तक जिला कांग्रेस द्वारा मामले पर एसएसपी से कई राउंड की मुलाकात हो चुकी है. मामले की सिटी एसपी कार्तिक एस की निगरानी में जांच हो रही है. लेकिन जांच के दौरान पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिल पाये हैं.
क्या था मामला
शुक्रवार को सुबह 11:15 बजे नलिनी सिन्हा ने बीएड नामांकन घोटाले में आरटीआइ के तहत सूचना मांगने के आवेदन देने प्रभारी प्राचार्य सुमिता मुखर्जी के कक्ष में गयी थी. जहां कथित रूप से सुमिता मुखर्जी ने स्केल से मार कर उन्हें घायल कर दिया था. उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की, शिकायत के 24 घंटे बाद शनिवार को बिष्टुपुर पुलिस ने सुमिता मुखर्जी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. जिसके बाद सिटी एसपी ने मामले की स्वयं जांच शुरू की. सीसीटीवी फूटेज खंगाले गये लेकिन पुलिस को कोई खास साक्ष्य हाथ नहीं लगा. उधर वीमेंस कॉलेज की प्राचार्य ने दावा किया था कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. उन्होंने नलिनी सिन्हा से कोई मारपीट नहीं की, जिस वक्त वह उनके कक्ष में आयी थी उन्होंने आरटीआइ के आवेदन को स्टाफ के यहां जमा करने के लिए कहा था. कुछ मिनटों की बात के बाद नलिनी बाहर चली गयी थी ऐसे में उन पर मारपीट का लगा आरोप बेबुनियाद है.