रघुवर दास की सरकार ने 15 नवंबर तक स्थानीयता नीति (डोमिसाइल नीति) की घोषणा करने की बात कही थी़, लेकिन ऐसे ही आश्वासनों से पिछले 15 साल से राज्य की जनता को ठगा जा रहा है. अब करो या मरो के तर्ज पर लड़ाई लड़ेंगे. स्थानीयता नीति का निर्धारण अंतिम सर्वे व खतियान के आधार पर अविलंब किया जाये, अन्यथा सड़क से सदन तक विरोध प्रदर्शन किया जायेगा़.
उन्होंने कहा कि इस बंद को आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच, केंद्रीय सरना समिति, आदिवासी जन परिषद, कुर्मी विकास मोर्चा, आदिवासी छात्र संघ समेत तीन दर्जन से अधिक सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया है़ संवाददाता सम्मेलन में मदन मोहन, पंकज मंडल, राजू महतो, शीतल ओहदार, राजेश महतो, गौतम घोष, सतुआ हेंब्रम समेत अन्य मौजूद थे़