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पेड़-पौधों में रुचि है, तो जरूर आएं जुबिली पार्क

पेड़-पौधों में रुचि है, तो जरूर आएं जुबिली पार्कलौहनगरी की पहचान बन चुके जुबिली पार्क में लोग फुर्सत के पल बिताते हैं. मस्ती के लिए जयंती सरोवर में बोटिंग करते हैं. जू में दुुर्लभ जानवरों को देखते हैं. इस बेहतरीन मौसम में आप भी यहां पिकनिक का मन जरूर बना रहे होंगे. लेकिन, अबकी बार […]

पेड़-पौधों में रुचि है, तो जरूर आएं जुबिली पार्कलौहनगरी की पहचान बन चुके जुबिली पार्क में लोग फुर्सत के पल बिताते हैं. मस्ती के लिए जयंती सरोवर में बोटिंग करते हैं. जू में दुुर्लभ जानवरों को देखते हैं. इस बेहतरीन मौसम में आप भी यहां पिकनिक का मन जरूर बना रहे होंगे. लेकिन, अबकी बार जब भी जुबिली पार्क आयें, तो इसकी उपयोगिता की नजरिया थोड़ा बदल लें. यह पार्क सिर्फ पिकनिक स्पॉट ही नहीं, बल्कि दुर्लभ पेड़-पौधों की आश्रयणी भी है. यहां लगे कुछ दुर्लभ पौधों पर पेश है लाइफ @ जमशेदपुर की यह रिपोर्ट…——————पार्क के बीच में हैं मेडिशनल प्लांट्समुगल गार्डन के बीच में मेडिशनल प्लांट्स लगे हैं. इसमें तेजपत्ता, लेमन ग्रास, ब्रायोफाइलम, साइट्रोनेला, जेट्रोफा, अपराजिता, बिक्सा, अर्जुन, अश्वगंधा, तुलसी, अनार, आंवला व पान आदि शामिल हैं.सिंदूर पौधा : इसका बोटैनिकल नाम बिक्सा ओरिलाना है. यह डाय प्लांट है. इसके बीज से सिंदूर बनाया जाता हैं, जो त्वचा के लिए अच्छा रहता है. प्रोसेसिंग के बाद इससे डाई भी बनायी जाती है, जो बाल रंगने के काम आती है. इसका बीज पकने के बाद केसरिया व लाल रंग का हो जाता है. इसकी उत्पत्ति हिमालय की तराई क्षेत्र माना जाता है. वैसे नेपाल में इसकी खेती भी होती है. लेमन ग्रास : यह बुखार, ज्वाइंट व मसल पेन को कम करता है. गले में इन्फेक्शन को दूर करने में भी कारगर है. यह मच्छर भगाने के काम आता है. इसलिए, लोग इसे लगाना पसंद करते हैं. इतना ही नहीं इसकी पत्ती चाय में डालने पर उसका स्वाद बढ़ जाता है.————–कॉस्टस : यह एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल है. स्किन डिजीज, डायरिया व जॉन्डिस जैसी बीमारी में काफी कारगर है.ब्रायोफाइलम : इसे पत्थर कुच्ची के नाम से भी जाना जाता है. यह दवा बनाने के काम आता है. साइट्रोनेला : इससे भी एसेंशियल ऑयल बनाया जाता है, जो कई तरह के रोगों में काम आता है. इसकी गंध से मच्छर भी भागते हैं.अश्वगंधा : इस पौधे का सभी भाग इस्तेमाल में लाया जाता है. कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी इसका उपयोग किया जा सकता है.(नोट : इसका फोटो नहीं दिख रहा है. बिना फोटो के लगा लें.) ————–जेट्रोफा : इसे डीजल प्लांट भी कहा जाता है. इसके फल से बायोडीजल बनाया जाता है. इसके तेल का प्रयोग कई तरह के रोगों के निदान में भी होता है. इसका फल खाने योग्य नहीं होता.अपराजिता : इसके फूल से चाय बनायी जाती है, जिसे कई लोग पीना पसंद करते हैं. इसकी खूशबू भी काफी अच्छी होती है. अर्जुन : यह एंटी ऑक्सीडेंट है. किडनी स्टोन के उपचार में इसका इस्तेमाल किया जाता है. दमा रोग में भी यह कारगर है. ——————सजावटी पौधेजुबिली पार्क स्थित मुगल गार्डन में कई तरह के सजावटी पेड़-पौधे दिखायी देते हैं. ये लोगों को खूब आकर्षित करते हैं. आइए, आज इन पौधों के बारे में विस्तार से जानते हैं.पेलथोफोरम : यह शो ट्री है. इसकी करीब 15 प्रजातियां पायी जाती हैं. इसकी लंबाई 15 से 25 मीटर तक होती है. इसमें फरवरी-मार्च में पीले फूल आते हैं, जो जगह की शोभा बढ़ाते हैं.ट्रमपेड ट्री : इसकी भी कई प्रजातियां पायी जाती हैं. इसमें लाल और पर्पल कलर के फूल आते हैं. इसमें सर्दी से बसंत ऋतु के बीच फूल खिलते हैं. इसकी पत्तियां सालोभर हरी रहती हैं.लेजेसट्रोमिया : यह भी शो ट्री है. इसके अलग-अलग ट्री में अलग-अलग रंग के फूल खिलते हैं. जैसे पिंक, ह्वाइट, पर्पल. इस ट्री में मार्च-अप्रैल में फूल आते हैं. इस दौरान पेड़ की पत्तियां गिर जाती हैं और केवल फूल ही फूल खिले होते हैं.एक्सोरा प्लांट (सिंगापोटिंसिस) : यह सजावटी पौधा है. इसमें लाल रंग के फूल खिलते हैं.फरकेरिया : इसमें फरवरी में फूल आते हैं. फूल अंडे के आकार और सफेद रंग के होते हैं. फूल गार्डन की शोभा में चार चांद लगा देते हैं.————-साल्विया : साल्विया में फूल सर्दियों में आते हैं. इसमें लाल रंग के फूल खिलते हैं. इसकी देसी प्रजाति की ऊंचाई 60 सेंटीमीटर तक होती है. वहीं, हाइब्रिड पौधे 15-20 सेंटीमीटर तक ही ऊंचे होते हैं.नोट : खबर व फोटो में तालमेल नहीं है.——————-तबोविया : इसके फूल सफेद और पर्पल कलर के होते हैं और काफी आकर्षक होते हैं.कैलेंड्रा : यह सदाबहार पौधा होता है. इसमें हर मौसम में फूल खिलते हैं. इसे पाउडरी पफ भी कहा जाता है. इसकी खूशबू काफी अच्छी होती है. इसमें लाल, सफेद और गुलाबी रंग के फूल आते हैं.बोगेनवेलिया : इसके अलग-अलग पौधे में अगल रंग के फूल खिलते हैं. लाल, सफेद, गुलाबी, नारंगी, पीला और कुछ पौधों में मिक्स रंग यानी दो रंग के फूल खिलते हैं.———-जूनिपेरस : यह भी बगीचे की शोभा बढ़ाने के लिए होता है. इसे भी कटिंग कर आप मनचाहा आकार दे सकते हैं. इसमें फूल नहीं आते, लेकिन यह सदाबहार रहता है.नोट : इसका पेड़ नहीं दिख रहा है. बिना फोटो के लगायें. ——–बहोनिया : यह सजावट के काम आता है. इसमें हर मौसम में फूल खिलते हैं. इसलिए हर मौसम में पार्क की शोभा बनी रहती है. पार्क में यह अशोक वृक्ष के बीच में दिखायी देते हैं. इसके फूल पर्पल कलर के होते हैं.तेकोमा : तेकोमा शो प्लांट है. इसमें अक्तूबर से दिसंबर के बीच अच्छे फूल खिलते हैं.मुरैया (चांदनी) : यह पौधे बाॅर्डर पर लगाये जाते हैं. इसमें सफेद फूल खिलते हैं, जो काफी खुशबूदार होते हैं. फूल सितंबर से नवंबर तक आते हैं. यह हर मौसम में हराभरा रहता है.पाइन ट्री : जुबिली पार्क में इस तरह के सजावटी पौधों के बीच दो-तीन पाइन ट्री भी नजर आते हैं. यह ट्री प्राय: समुद्र के किनारे दिखायी देते हैं. इसलिए यह पार्क को खास बना देते हैं.———————-तरह-तरह के गुलाबमुगल गार्डन के गुलाब सर्किल में तरह-तरह के गुलाब लगे हैं. इसमें देसी गुलाब, मिनीएटर यानी छोटा गुलाब, फ्लोरीबंदा जैसी प्रजाति के गुलाब लगे हैं. फ्लोरीबंदा प्रजाति में बुश आकार में बड़े फूल खिलते हैं. अन्य गुलाब की अपेक्षा यह काफी बड़ा होता है. वैसे तो गुलाब हर मौसम में खिलता है, लेकिन इसका पिक सीजन दिसंबर से मार्च तक होता है. इस दौरान इसमें अच्छे फूल आते हैं. ———–स्टैच्यू एरियास्टेच्यू एरिया आम लोगों के लिए खुला नहीं होता. लेकिन लोग यहां का नजारा राह चलते जरूर ले सकते हैं. यहां केवल सजावटी पौधे लगे हैं. फूलों में कोलियस है, जो लाइट ग्रीन, पर्पल, मरून आदि रंगों में खिले हैं. इसकी खासियत है कि यह वर्ष भर खिलते हैं. इस एरिया में प्लोरोफाइरम भी दिखायी देते हैं. कई तरह के गुलदावदी, गेंदा व अन्य फूल इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं. इसके अलावा इसके प्रांगण में क्रिसमस ट्री व पाम प्लांट भी लगे हैं. —————अमरूद बागानपार्क में नये स्मृति उद्यान के बगल में अमरूद बागान विकसित किया जा रहा है. यहां 10 से अधिक प्रजाति के अमरूद लगाये गये हैं, जो समय पर फल दे रहे हैं. ————-लेक व पिकनिक एरियालेक किनारे करंच के पेड़ लगे हैं. जानकारी के मुताबिक इसे दातून के लिए नीम से भी अच्छा माना जाता है. पिकनिक एरिया में प्राय: वन्य पेड़ ही लगे हैं. इसी तरह से स्मृति उद्यान में लोग अपने और परिजनों के खास दिन की याद में पौधे लगाते हैं. यह भी पार्क की सुंदरता को बढ़ाता है.

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