17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दो माह में ही कर दिखाया 12 महीने का काम

दो माह में ही कर दिखाया 12 महीने का काम (फोटो : फोटो नोनी के नाम से लाइफ के बाहर, एक पेज पर)सबहेड::: वीमेंस कॉलेज के शिक्षक को नोनी का पौधा उगाने में मिली बड़ी कामयाबी हाइलाइटरकॉलेज के ग्रीन हाउस में बायोटेक के शिक्षक डॉ विश्व राज लाल का प्रयोग सफल लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरआमतौर […]

दो माह में ही कर दिखाया 12 महीने का काम (फोटो : फोटो नोनी के नाम से लाइफ के बाहर, एक पेज पर)सबहेड::: वीमेंस कॉलेज के शिक्षक को नोनी का पौधा उगाने में मिली बड़ी कामयाबी हाइलाइटरकॉलेज के ग्रीन हाउस में बायोटेक के शिक्षक डॉ विश्व राज लाल का प्रयोग सफल लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरआमतौर पर लोग नोनी (मोरिंडा सिट्रिफोलिया) के विषय में कम ही जानते हैं. यह एक ऐसा फल है, जो कई गंभीर बीमारियों में लाभप्रद है. आयुर्वेद में इसका प्रयोग शरीर शोधन के लिए किया जाता है. सामान्य प्रक्रिया में इसके बीज से पौधा उगाने में 6-12 महीने तक लग जाते हैं. लेकिन, जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज के ग्रीन हाउस में बायोटेक के शिक्षक डॉ विश्व राज लाल ने एक प्रयोग के जरिये इसे सिर्फ दो माह में ही उगा दिया है. उन्होंने नोनी के पेड़ की डाली (शाखा) को कलम करके दो महीने में ही पौधा तैयार कर लिया है. डॉ लाल बताते हैं कि कलम को अलग-अलग तरह के रूट हार्मोन के द्वारा विभिन्न तरीके से ट्रीट किया गया. फलस्वरूप इसमें काफी अच्छी ग्रोथ मिली और दो महीने में ही पत्तियां निकल आयीं. अब वह इसके और भी पौधे तैयार करेंगे. वह अपने इस शोध को इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशन के लिए भेज रहे हैं.कैंसर समेत कई बीमारियों में लाभप्रदबकौल डॉ लाल यह फल कैंसर से लेकर कई गंभीर बीमारियों में लाभप्रद है. इसके फल में पॉलीसेकराइड्स, एंथ्रोक्यूनॉन, टरपिनाइड कंपाउंड समेत कई कैंसररोधी तत्व पाये जाते हैं. इस कारण कैंसर के मरीज इसके जूस (फल का रस) का सेवन करते हैं. टीबी के मरीज इसकी पत्ती से चाय बना कर सेवन करते हैं. अस्थमा, टीबी, क्रॉनिक पेन व किडनी डिसऑडर समेत अन्य बीमारियों में भी यह लाभप्रद है. इसमें करीब 150 एंटी बैक्टीरियल व एंटी वायरल तत्व पाये जाते हैं. हालांकि गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं एवं किडनी रोग से गंभीर रूप से ग्रसित लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए.बन सकता है कमाई का अच्छा जरियाडॉ लाल बताते हैं कि बाजार में नोनी का जूस व पाउडर उलब्ध है. इसकी मांग बढ़ती जा रही है. नोनी का जूस बाजार में 160 रुपये में 100 मिलीलीटर मिलता है. इस लिहाज से यदि राज्य में नोनी के पेड़ लगाये जायें, तो यह कमाई का भी बेहतर जरिया बन सकता है. वह छात्राओं को भी इसकी जानकारी दे रहे हैं.भारत में कहां-कहां पाया जाता हैनोनी वास्तव में कॉफी परिवार का पेड़ है. यह आमतौर पर गर्म क्षेत्रों में पाया जाता है. इसे ग्रेट मोरिंडा, इंडियन मलबेरी, नोनी, बीच मलबेरी व चीज फ्रूट भी कहा जाता है. भारत में केरला, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओड़िशा व महाराष्ट्र में नोनी के पेड़-पौधे पाये जाते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें