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भगवान लक्ष्मीनारायण की पूजा कर हों रोग मुक्त

(फोटो योगिनी एकादशी के नाम से सेव है)हेडिंग::: योगिनी एकादशी व्रत कललाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर शुद्ध आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि आगामी शुक्रवार, 12 जून को है. वैसे तो एकादशी तिथि गुरुवार-शुक्रवार (11-12 जून) की रात्रि 3:08 बजे से आरंभ हो रही है, जो शुक्रवार की रात्रि 12:54 बजे तक रहेगी. अषाढ़ कृष्ण एकादशी को योगिनी एकादशी के […]

(फोटो योगिनी एकादशी के नाम से सेव है)हेडिंग::: योगिनी एकादशी व्रत कललाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर शुद्ध आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि आगामी शुक्रवार, 12 जून को है. वैसे तो एकादशी तिथि गुरुवार-शुक्रवार (11-12 जून) की रात्रि 3:08 बजे से आरंभ हो रही है, जो शुक्रवार की रात्रि 12:54 बजे तक रहेगी. अषाढ़ कृष्ण एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इसमें भगवान श्रीविष्णु के लक्ष्मी नारायण रूप की पूजा-अर्चना की जाती है. इस व्रत में प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर संकल्प करें तथा भगवान पुंडरीकाक्ष का सविधि पूजन करें. इसके पश्चात उपवास रखते हुए रात्रि जागरण करने से कुष्ठ आदि सभी प्रकार के रोगों से निवृत्ति मिलती है.कथा आती है कि कुबेर के कोप से हेम माली कुष्ठ रोग से पीडि़त हो गया था. उसने महामुनि मार्कंडेय की आज्ञा के अनुसार योगिनी एकादशी व्रत रखा, जिससे उसकी सारी व्याधियां नष्ट हो गयीं तथा कुबेर ने उसे पुन: सेवा में रख लिया. इस व्रत में भगवान श्रीहरि को अन्य ऋतु फलों के अलावा मिश्री भोग अवश्य चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से कीट योनि से मुक्ति मिलती है. इस व्रत का पारण अगले दिन, शनिवार को प्रात: सूर्योदय के पश्चात कभी भी किया जा सकता है.

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