कंपनी के साथ त्रिपक्षीय वार्ता बुलाने की मांग की जमशेदपुर. झारखंड मूलवासी अधिकार मंच के मुख्य संयोजक हरमोहन महतो के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को उपायुक्त से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने टाटा कंपनी की स्थापना से विस्थापित हुए 18 मौजा की जमीन सोनारी, गम्हरियागोड़ा, उलियान, कदमा, खुंटाडीह, जुगसलाई, बेलडीह, साकची, कालीमाटी, सुसनीगडि़या, गोलमुरी, बारीडीह, बारा, नीलडीह, मोहरदा, मोड़ाकाटी, जोजोबेड़ा आदि के विस्थापितों की पहली सूची सौंपी. प्रतिनिधिमंडल ने त्रिपक्षीय बैठक बुलाकर समस्या का समाधान निकालने की मांग की. उपायुक्त ने मामले की जांच कर आवश्यक पहल करने का आश्वासन दिया. हरमोहन महतो ने बताया कि 8 जुलाई 1909 में टाटा स्टील कंपनी और तत्कालीन सरकार के मुख्य सचिव के बीच जो समझौता हुआ था. उस समय कंपनी ने 10782 बीघा 19 कटठा जमीन का समझौता किया था. लेकिन वर्तमान में टाटा कंपनी ने मूल रैयतों के 50 हजार बीघा जमीन पर कब्जा जमाया है. साथ उन्होंेने 86 बस्ती को सबलीज, मालिकाना या नियमित करने से पहले 18 मौजा के मूल रैयतों का सर्वे करने की मांग की है. प्रतिनिधिमंडल में हरमोहन महतो, उत्तम प्रधान, मंगल माझी, मदन कुमार, सुरा गागराई, प्रहलाद गोप व अन्य उपस्थित थे.
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झारखंड मूलवासी अधिकार मंच डीसी से मिला
कंपनी के साथ त्रिपक्षीय वार्ता बुलाने की मांग की जमशेदपुर. झारखंड मूलवासी अधिकार मंच के मुख्य संयोजक हरमोहन महतो के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को उपायुक्त से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने टाटा कंपनी की स्थापना से विस्थापित हुए 18 मौजा की जमीन सोनारी, गम्हरियागोड़ा, उलियान, कदमा, खुंटाडीह, जुगसलाई, बेलडीह, साकची, कालीमाटी, सुसनीगडि़या, गोलमुरी, बारीडीह, बारा, […]
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