जमशेदपुर: टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन सर दोराबजी टाटा द्वारा बनायी गयी टाटा स्टील कंपनी सौ साल तक लोगों को साथ लेकर चली, आज दावा किया जा सकता है कि सौ साल बाद भी यह कंपनी तटस्थ बनी रहेगी. उक्त बातें टाटा स्टील के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट सुनील भाष्करण ने कहीं. वे मंगलवार को दोराबजी पार्क में सर दोराबजी टाटा की 154वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सर दोराब जी कंपनी हित के साथ-साथ देश हित को लेकर भी काफी गंभीर थे. उनकी पत्नी ने भी गंभीरता से इस पर काम किया. विशिष्ट अतिथि टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पीएन सिंह ने कहा कि सर दोराबजी टाटा आधुनिक भारत के लिए प्रेरणास्रोत हो सकते हैं. ओलिंपिक गेम्स में भारत की भागीदारी सुनिश्चित करने में उनके योगदान और कंपनी को बचाने के लिए किये गये कार्य को भुलाया नहीं जा सकता है.
ये थे उपस्थित
टाटा स्टील के उपाध्यक्ष एएम मिश्र, कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन के हेड प्रभात शर्मा, टाटा वर्कर्स यूनियन के महामंत्री बीके डिंडा, सुबोध श्रीवास्तव, शहनवाज आलम, आर रवि प्रसाद आदि. संचालन जेनी शाह ने किया.
मुखी समाज ने जयंती मनायीभालुबासा में मुखी समाज ने दोराबजी टाटा की जयंती मनायी. इस मौके पर उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण व केक काटा गया. इस दौरान बैजू मुखी, शंभु मुखी डुंगरी, पोरेस मुखी, चैतन मुखी, जॉनी मुखी, अरुणा मुखी, सुनीता देवी, राकेश मुखी, रंजीत मुखी, नंदी मुखी आदि मौजूद थे.