जमशेदपुर: नागरिक सुरक्षा के तत्कालीन उप नियंत्रक नरेंद्र शर्मा एवं तत्कालीन प्रधान सहायक भारती दता राय पर लगे वित्तीय गबन मामले की फाइल एक बार फिर खुल गयी है.
प्रभारी गोपनीय शाखा के प्रभारी ने एसडीओ से दोनों ही अधिकारियों के विरुद्ध आरोपों की जांच कर रिपोर्ट मांगी है. क्या है मामला त्न महालेखाकार द्वारा जांच के दौरान कंडिका 1 एवं 3 में आपत्तियां लगायी गयी थी. कंडिका 1 में बिल संख्या 41/2005-06 के माध्यम से 37,200 रुपये की अवैध निकासी और कंडिका 3 में 67,904 के गबन का आरोप था. दोनों ही मामले में डीसी सह नियंत्रक से बिना आदेश प्राप्त किये ही विद्युत प्रभार के मंद से अगिAशामक संबंधी उपकरण की खरीदारी करने का आरोप था. मालूम हो कि कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के आयुक्त ने 5 फरवरी 2009 को नागरिक सुरक्षा इकाई का भ्रमण किया था.
उस दौरान जांच में गबन मामले की पुष्टि हुई थी. जांच में तत्कालीन उप नियंत्रक नरेंद्र कुमार शर्मा को सरकारी राशि के गबन के लिए जिम्मेवार पाया गया. प्रथम दृष्टया गबन में यह बात सामने आयी कि तत्कालीन प्रधान सहायक भारती दता राय के मिली भगत से ही गबन संभव हो पाया.