जमशेदपुर: टाटा स्टील के एमडी हेमंत मधुसूदन नेरुरकर गुरुवार को एसएनटीआइ ऑडिटोरियम, बिष्टुपुर में टाटा वर्कर्स यूनियन के कमेटी मेंबरों से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने बताया कि मंदी का असर काफी ज्यादा है. कुछ कंपनियों ने एमडी से लेकर सभी स्तर के कर्मचारियों के वेतन में 20} तक की कटौती कर दी है. टाटा स्टील पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है. इंपोर्ट में सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. कर्मचारियों को खर्च कम करने के बारे में सोचना चाहिए, ताकि मंदी से निबटा जा सके.ईमानदारी से काम किया जाये. कुछ कमेटी मेंबरों ने विभागों में कांट्रैक्ट कर्मचारियों को बहाल करने का मुद्दा उठाया. इस पर एमडी ने कहा कि यह सही बात है. लेकिन स्थायी कर्मचारी भी पूरी ईमानदारी से काम करें. यह भी देखने में आया है कि कांट्रैक्ट कर्मी ज्यादा काम करते हैं जबकि कुछ स्थायी कर्मचारी कम काम करते हैं.
बाहरी की बहाली होती रहेगी
कमेटी मेंबर शैलेश सिंह ने कहा कि कर्मचारी पुत्रों को बहाल किया जाना चाहिए. इस पर एमडी ने कहा कि 85} कर्मचारी पुत्रों की बहाली होती है. ठेका मजदूरों को जीरो कर दिया जाये, यह संभव नहीं हो सकता. सिर्फ कर्मचारी पुत्रों को ही ले लिया जाये, यह भी संभव नहीं है. बाहरी की भी बहाली होती रहेगी.
कैंटीन पर सवाल नहीं
मीटिंग के दौरान किसी भी कमेटी मेंबर ने कैंटीन आउटसोर्स करने का मुद्दा नहीं उठाया.
रघुनाथ एक घंटा बाद चले गये
यूनियन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय भी बैठक में शामिल हुए. उन्होंने सवाल नहीं पूछा और एक घंटा बाद चले गये.
फिर रूबरू होंगे एमडी
मीटिंग के दौरान कई सवाल अनुत्तरित रह गये. एमडी ने कमेटी मेंबरों को आश्वासन दिया कि वे फिर उनसे रूबरू होंगे. इसको लेकर अध्यक्ष पीएन सिंह से बातचीत करने की बात कही गयी.