फोटो रिंकू नाम से है लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर राजधानी रांची के ओरमांझी के पास है एक गांव है- हुटुप. गांव के लोग गरीब हैं. अधिकांश लोगों ने स्कूल नहीं देखा है, लेकिन भावी पीढ़ी खेल में अपना नाम रोशन करना चाहती है. इसी गांव में रहती है 15 साल की रिंकू. रिंकू 2014 में स्पेन में हुए अंडर 14 गास्तिज कप महिला फुटबॉल टूर्नामेंट में झारखंड टीम की कप्तान थी. उसकी कप्तानी में झारखंड ने इस टूर्नामेंट में तीसरा स्थान हासिल किया था. पूरे भारत ने उसे सिर आंखों पर बिठाया, लेकिन वह भारतीय फुटबॉल टीम में शामिल नहीं होना चाहती है. उसका आरोप है कि भारत में महिला खिलाडि़यों के साथ दुर्व्वहार किया जाता है. उसकी टीम की ही महिला खिलाडि़यों के साथ गलत व्यवहार किया गया. रिंकू ने बताया कि वह भारतीय महिला फुटबॉल टीम में कभी शामिल नहीं होना चाहती. वह भले फुटबॉल खेल रही है, लेकिन भविष्य में वह वकील बनना चाहती है और महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार के मामले देखेगी. ——-मैरी कॉम सिर्फ फिल्म नहीं, हकीकत : फ्रेंज गास्लर रिंकू के कोच फ्रेंज गास्लर ने खास बातचीत में कहा कि महिलाओं के सम्मान की बात कही जा रही है, लेकिन लोगों की मानसिक और बौद्धिक स्थिति में विकास नहीं हुआ है. खासकर भारत में महिला खिलाडि़यों के साथ दुर्व्वहार की कई बातें सामने आयी हैं, इसी को पिछले दिनों मैरी कॉम फिल्म में भी दिखाया भी गया. रिंकू अपनी टीम की बेस्ट फुटबॉलर है, अगर उसने यह फैसला लिया है तो इससे भारत का नुकसान है. इस तरह से खेल का भला नहीं होगा.
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अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर रिंकू ने महिला खिलाडि़यों संग दुर्व्वहार पर जताया क्षोभ
फोटो रिंकू नाम से है लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर राजधानी रांची के ओरमांझी के पास है एक गांव है- हुटुप. गांव के लोग गरीब हैं. अधिकांश लोगों ने स्कूल नहीं देखा है, लेकिन भावी पीढ़ी खेल में अपना नाम रोशन करना चाहती है. इसी गांव में रहती है 15 साल की रिंकू. रिंकू 2014 में […]
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