जमशेदपुर: जिले के सदर अस्पताल, नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 244 उप स्वास्थ्य केंद्र मात्र चार एंबुलेंस पर निर्भर है. विभाग के अनुसार इतने बड़े क्षेत्र के लिए कम से कम 12 एंबुलेंस की आवश्यकता है. इस कारण मांग के अनुसार कभी-कभी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाती है.
हालत यह है कि स्वास्थ्य विभाग के पास मौजूद चार एंबुलेंस की राशि के अभाव में मेंटनेंस नहीं हो पा रहा है. जरूरत पड़ने पर सामाजिक संस्थाओं से एंबुलेंस मांगना पड़ता है. हाल में हरहरगुट्ट सहित अन्य जगहों पर फैले डायरिया के मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए सामाजिक संस्थाओं से एंबुलेंस लेकर काम चलाया गया. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य सरकार से एंबुलेंस की मांग की है.
पड़े-पड़े खराब हो गयीं पांच-छह एंबुलेंस
सिविल सजर्न कार्यालय ने स्वास्थ्य विभाग से एंबुलेंस की मांग की है, जबकि मरम्मत के अभाव में बेकार पड़ी पांच-छह एंबुलेंस पुराने सिविल सजर्न ऑफिस व नये सिविल सजर्न ऑफिस की शोभा बढ़ा रही हैं. इनके टायर-टय़ूब समेत अन्य मशीन भी खराब हो चुके हैं.
24 घंटा एंबुलेंस होनी चाहिए : नियमानुसार अस्पताल परिसर में घायलों एवं अन्य गंभीर मरीजों की सुविधा के लिए 24 घंटा एंबुलेंस की सुविधा होनी चाहिए, ताकि मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेजा जा सके. एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण मरीजों को निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है.
पूर्व सीएस ने एंबुलेंस के लिए लिखा था पत्र : इसके पहले सिविल सजर्न डॉ जगत भूषण प्रसाद ने विभाग को पत्र लिख कर जिला के लिए नयी एंबुलेंस देने की मांग स्वास्थ्य विभाग से की थी. उन्होंने सभी एंबुलेंस को अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्रों पर रखने करने की बात कही थी.