जमशेदपुर: टाटानगर रेल एसपी मृत्युंजय किशोर मितु ने डय़ूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में टाटानगर रेल थाना प्रभारी समेत 18 पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी है.
गत सप्ताह क्राइम मीटिंग में रेल एसपी ने समीक्षा में पाया कि अपराध तो कम हुए हैं, लेकिन लंबित केसों की प्रगति शून्य है. लंबे समय से 91 केसों के निष्पादन आदेश के बावजूद केस डायरी नहीं लिखी जा रही है. इस कारण कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट, साक्ष्य नहीं भेजा जा पा रहा है. रेल एसपी ने इसमें सुधार के आदेश दिये थे. पर औचक पूछताछ में स्थिति ज्यों की त्यों मिली अंतत: उन्होंने कड़ा फैसला लिया है.
रेल एसपी ने दी चेतावनी
कामकाज में सुधार नहीं होने पर रेल एसपी ने अगले माह का वेतन भी रोकने की चेतावनी दी है. अब पदाधिकारियों को 15-30 दिनों के अंदर लंबित केसों के अनुसंधान कार्य को पूरा करना पड़ेगा. रूटीन डय़ूटी के साथ अनुसंधान पुलिस पदाधिकारी को लंबित केस डायरी लिखना, घटना स्थल जाकर पीड़ित, गवाह के बयान के साथ रिपोर्ट लाना, लिखना, आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य के समय कोर्ट में लंबित केसों के निष्पादन करने की डय़ूटी करने के साथ, रेल एसपी को लिखित रूप से टाइम फ्रेम में लंबित केसों को पूरा करना होगा.
इन रेल थानेदारों पर कार्रवाई टाटानगर, रांची, घाटशिला, चांडिल, बोकारो रेल थानेदार के अलावा आधा दर्जन सब इंस्पेक्टर, आधा दर्जन से ज्यादा एएसआइ स्तर के पुलिस पदाधिकारी सह अनुसंधानकर्ता पदाधिकारी शामिल हैं.
‘‘ रेल पुलिस में लंबित केसों के निष्पादन के आदेश के बावजूद केस डायरी समेत अन्य काम लंबित था, कोर्ट से और सरकार के स्तर पर रिमाइंडर पर सूचना देने पर डय़ूटी में लापरवाही बरतने कारण पुलिस पदाधिकारियों के वेतन पर रोक लगायी गयी है.- मृत्युंजय किशोर मितु, रेल एसपी, टाटानगर.