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नरवा में डूबा साकची का गुरप्रीत सिंह

जमशेदपुर/जादूगोड़ा: यूसिल नरवा पहाड़ पुराने पुल के समीप स्थित गुर्रा नदी में रविवार की शाम करीब पांच बजे नहाने के क्रम में जमशेदपुर के साकची कालीमाटी रोड होटल सागर के बगल के 9 नंबर बगान एरिया में रहनेवाले गुरप्रीत सिंह उर्फ कैप्टन (22) की डूबने से मौत हो गयी. सोमवार को जादूगोड़ा पुलिस ने गोताखोरों […]

जमशेदपुर/जादूगोड़ा: यूसिल नरवा पहाड़ पुराने पुल के समीप स्थित गुर्रा नदी में रविवार की शाम करीब पांच बजे नहाने के क्रम में जमशेदपुर के साकची कालीमाटी रोड होटल सागर के बगल के 9 नंबर बगान एरिया में रहनेवाले गुरप्रीत सिंह उर्फ कैप्टन (22) की डूबने से मौत हो गयी.

सोमवार को जादूगोड़ा पुलिस ने गोताखोरों की मदद से गुरप्रीत के शव को बाहर निकाला और पंचनामा तैयार कर पोस्टमॉटम के लिए एमजीएम भेज दिया. कैप्टन गुरुनानक सेवा दल के सक्रिय सदस्य परमजीत सिंह काले का भतीजा था. इस संबंध में गुरप्रीत के पिता अमरीक सिंह के बयान पर जादूगोड़ा थाना में अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज कराया गया है. गुरप्रीत कालीमाटी रोड स्थित एचपी शो रूम में सेल्स मैन का काम करता था. उसके पिता टाटा रायसन के कर्मचारी हैं.

कैसे हुई घटना: कैप्टन रविवार को अपने सुंदरनगर, बारीडीह, रामाधीन बगान के क्रमश: सौरभ सिंह, मनजीत सिंह, नीरज मंडल और सोनू कुमार के साथ नरवा घूमने गया था. इस दौरान सभी नरवा पहाड़ के पुराने पुलिया के पास गये और स्नान करने के लिए पानी में उतरे. इस क्रम में गुरप्रीत सिंह डेंजर जोन की ओर बढ़ा और पानी में डूबने लगा. गुरप्रीत को पानी में डूबते देख उनके एक दोस्त ने बचाने की कोशिश की, लेकिन बचा नहीं सका और गुरप्रीत पानी के अंदर चला गया. घटना के बाद कैप्टन के दोस्त वहां से लौट आये. इधर रात 11 बजे तक कैप्टन के घर नहीं पहुंचने पर परिवार वालों ने खोजबीन शुरू की. परिजनों ने दोस्तों से संपर्क साधा, जिसके बाद पता चला कि वह नरवा में डूब गया है.

डैंजर जोन का लगाया गया था बोर्ड किसी ने हटा दिया था
इस स्थान पर प्रशासन ने डैंजर जोन का बोर्ड लगाया गया था. इसे शरारती तत्वों ने हटा दिया है. इसके बाद पत्थर पर सावधान लिखा गया, उसे भी मिटा दिया गया है. इस वजह से चेतावनी की जानकारी युवकों को नही मिली. यही कारण है कि यहां आने वाले बेहिचक पानी में तैरने तथा नहाने के उद्देश्य से चले जाते हैं.

इससे पहले भी हो चुकी हैं मौतें
पिछले वर्ष आदित्यपुर के आइटीआइ के एक छात्र की मौत भी डूबने से हुई थी. नदी के उस भाग में खतरे का बोर्ड भी लगा है, लेकिन मौज-मस्ती के चक्कर में युवक जान की परवाह किये बिना वहां नहाते हैं. इसका खामियाजा कइयों को जान देकर चुकानी पड़ती है.

खतरनाक घोषित की जा चुकी है नदी
गुर्रा नदी के कुछ घाट को प्रशासन ने पहले से ही खतरनाक घोषित कर रखा है. इस तरह की घाटों पर जाने से ग्रामीण मना करते हैं, इसके बाद भी मौज मस्ती करने वाले युवक किसी की नही सुनते हैं. यहीं कारण है कि पानी की गहराई में जाने पर नहाने वाले डूब जाते हैं. इस नदी की गहराई लगभग 15 से 20 फीट तक है.

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