जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन में संविधान एक बार फिर तार-तार हो गया. यूनियन के संविधान के मुताबिक, कमेटी मीटिंग के 48 घंटे पहले अगर कोई सदस्य आवेदन देता है तो उसको सवाल पूछने का अधिकार देना अनिवार्य है. लेकिन सोमवार को ऐसा नहीं हुआ. यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह कमेटी मीटिंग की कार्रवाही 20 मिनट में ही पूरी कर पूरी टीम के साथ बाहर निकल गये. इसके खिलाफ जमकर हंगामा हुआ. नारेबाजी करते हुए विपक्ष ने वीजी गोपाल की प्रतिमा के समक्ष नारे लिखी तख्तियों के साथ धरना दिया. हंगामा के बावजूद सत्ता पक्ष ने विपक्ष के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया.
एकाउंट्स पर गुलाम और प्रभात ने पूछे सवाल. कमेटी मीटिंग के दौरान एकाउंट्स पर पूर्व उपाध्यक्ष गुलाम मोइनुद्दीन और प्रभात लाल ने सवाल पूछे. गुलाम मोइनुद्दीन ने पूछा कि सिर्फ फरवरी माह का क्यों, मार्च माह का एकाउंट्स क्यों नहीं लाया गया.
प्रभात लाल ने पूछा कि सरकार का गाइडलाइन जब तीन साल से ज्यादा किसी ऑडिटर को नहीं रखने का है तब ज्यादा दिनों तक क्यों एक ही एकाउंट रखा गया है. इसके अलावा यूनियन के ब्याज में कमी आने का भी सवाल उठाया.कोषाध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने सवाल के जवाब में बताया कि 31 मई तक टीडीएस कटौती करने और इसको जमा करने का दिन है. इस कारण मार्च का एकाउंट्स पारित नहीं हुआ. यह भी बताया कि सिर्फ एक ही बैंक के एकाउंट का फाइनल सर्टिफिकेट आया है, शेष का नहीं आया है, इस कारण अभी इसका एकाउंट्स पारित नहीं कराया जा सकता है.
नहीं मिली सवाल पूछने की इजाजत
टाटा वर्कर्स यूनियन में सदन की कार्यवाही सुबह नौ बजकर पांच मिनट पर शुरू हुई. सबसे पहले रूसी मोदी समेत दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि दी गयी. इसके बाद महामंत्री बीके डिंडा ने बताया कि पिछली मीटिंग के मिनट्स को पहले ही पारित करा दिया गया था, इस कारण अब कोई मिनट्स नहीं रहा. इसके बाद यूनियन के कोषाध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने फरवरी माह का एकाउंट्स पढ़कर सुनाया. एकाउंट्स पढ़ने के दौरान उन्होंने मार्च माह का एकाउंट्स पारित नहीं होने का कारण बताया. इसके बाद सदन की कार्यवाही के लिए अध्यक्ष पीएन सिंह ने माइक संभाला. उम्मीद थी कि सरोज पांडेय, मनोहर मुखिया और गुलाम मोइनुद्दीन द्वारा दिये गये लिखित प्रश्न को पढ़ने की इजाजत अध्यक्ष देंगे, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए माइक बंद करा दिया कि वेज रिवीजन पर बातचीत अधूरी है, जिस कारण सदन को जानकारी नहीं दी जा सकती है.माइक बंद कराकर वे बाहर निकल गये. इसके बाद पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय, मनोहर मुखिया और गुलाम मोइनुद्दीन स्टेज के पास आ गये. इन लोगों ने बोलने की इजाजत मांगी लेकिन अध्यक्ष और महामंत्री समेत तमाम लोग बाहर निकलने लगे.
क्यों जवाब देने से बच रहा सत्ता पक्ष
ग्रेड रिवीजन समझौता को लेकर पिछले दो साल में कुछ नहीं कर पायी यूनियन
यूनियन नेतृत्व ने सिर्फ बोनस समझौता किया है, लेकिन उसमें भी अब तक मजदूरों को घाटा ही हुआ है, जिससे नाराजगी है
कई विभागों के आइबी, मैनिंग जैसे मुद्दे लंबित हैं, जिस कारण उसका जवाब यूनियन के पास नहीं है