पेपर लीक में प्रभावित हुए शहर के 4200 बच्चे
जमशेदपुर : सीबीएसइ पेपर लीक का असर जमशेदपुर के करीब 4200 परीक्षार्थियों पर पड़ेगा. सीबीएसइ के पेपर लीक मामले को लेकर परीक्षार्थियों के साथ ही उनके अभिभावकों में काफी गुस्सा है. परीक्षार्थियों के साथ ही उनके अभिभावकों व स्कूल के प्रिंसिपलों के मनोभाव को टटोलने का प्रयास प्रभात खबर ने किया. इसमें यह बात उभर कर सामने आयी कि हर कोई इस बात को लेकर परेशान हैं कि आखिर बच्चों की क्या गलती थी. वे पहले ही परीक्षा को लेकर काफी प्रेशर से गुजर रहे थे, लेकिन अब एक ही परीक्षा को दो-दो बार देने का मनोवैज्ञानिक प्रेशर होगा, जिसका असर आने वाले दिनों में दुबारा होने वाली परीक्षा पर भी पड़ने की गुंजाइश है.
बनी हुई है असमंजस की स्थिति. सीसीएसइ द्वारा 12वीं के इकोनॉमिक्स की परीक्षा की तिथि (25 अप्रैल) घोषित कर दी गयी है, लेकिन 10वीं के मैथ्स पेपर को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. हालांकि यह बताया गया है कि जरूरत पड़ने पर 10वीं के मैथ की परीक्षा सिर्फ दिल्ली और हरियाणा में होगी. वहीं पेपर लीक के तार बिहार व झारखंड से जुड़े होने की वजह से यह संभव है कि इस रीजन में भी नये सिरे से परीक्षा हो. हालांकि इसे लेकर अब तक सस्पेंस बरकरार है.
किस स्कूल में कितने परीक्षार्थी
विद्या भारती चिन्मया विद्यालय – 340, शिक्षा निकेतन हाइ स्कूल – 270, वेली व्यू स्कूल – 200, जेपीएस – 250, नेताजी सुभाष पब्लिक स्कूल – 340, एआइडब्ल्यूसी एकेडमी – 150, एसडीएसएम – 240, संत मेरीज – 280, डीएवी बिष्टुपुर – 300, दिल्ली पब्लिक स्कूल – 170, बाल्डविन कदमा फार्म एरिया – 260, जुस्को स्कूल कदमा – 150, जुस्को स्कूल साउथपार्क – 150, काशीडीह हाइ स्कूल – 240, चिन्मया विद्यालय साउथ पार्क – 250, केंद्रीय विद्यालय टाटानगर – 190, डीबीएमएस कदमा – 120.
पिछले कुछ दिनों से एक साथ कई चीजें लीक की बात सामने आ रही है. सीबीएसइ पेपर लीक, एसएससी पेपर लीक, तो फेसबुक से डाटा लीक. इसके पीछे दो कारण हैं. तकनीक की वजह से सेकेंड भर में पेपर दिल्ली या हरियाणा नहीं, बल्कि यूएसए तक पहुंच जा रहे हैं. जहां तक परीक्षार्थियों का सवाल है,
तो स्टूडेंट परीक्षा देने के बाद काफी खुश थे. कई ऐसे विद्यार्थी, जो अौसत स्टूडेंट थे, लेकिन इस बार मैथ के पेपर काफी आसान थे, जिस वजह से वे भी कह रहे थे कि 80 फीसदी तक मार्क्स आ जायेंगे, लेकिन जिस प्रकार से पेपर लीक का मामला सामने आया है, स्टूडेंट, टीचर व पैरेंट्स तीनों इससे परेशान हैं. इस तरह के कार्यों के बाद हमारा वैल्यू सिस्टम व एजुकेशन सिस्टम किस दिशा में बढ़ रहा है, यह एक संकेत मात्र है.
मिली सिन्हा, प्रिंसिपल, जुस्को स्कूल, साउथ पार्क