जमशेदपुर : जमशेदपुर के जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह पर स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने प्रपत्र ‘क’ गठित कर जांच के आदेश दिये हैं. धनबाद में वर्ष 2015-2016 में इंटर व स्नातक प्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता बरतने के आरोप में उक्त जांच के आदेश दिये गये हैं.
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जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह के खिलाफ स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने दिये जांच के आदेश
जमशेदपुर : जमशेदपुर के जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह पर स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने प्रपत्र ‘क’ गठित कर जांच के आदेश दिये हैं. धनबाद में वर्ष 2015-2016 में इंटर व स्नातक प्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता बरतने के आरोप में उक्त जांच के आदेश दिये गये हैं. इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी […]
इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया है. इसमें संयुक्त सचिव सुचित्रा सिन्हा को अध्यक्ष, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल हजारीबाग के आरडीडीइ व धनबाद के डीएसइ को जांच टीम का सदस्य बनाया गया है, लेकिन इस पूरे प्रकरण में सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसी मामले में डीएसइ बांके बिहारी सिंह को पिछले दिनों ही क्लीन चिट मिल चुका है. इतना ही नहीं चूंकि इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री जनसंवाद में भी की गयी थी, इस वजह से सीएम के पोर्टल पर संचिका क्लोज होने से संबंधित जानकारी अपलोड की गयी है.
डीएसइ ने बताया कि पूरे मामले की शिकायत पीएम के ग्रिवांस सेल से भी की गयी थी, इसी वजह से जब जांच में क्लीन चिट मिल गया, उसके बाद पीएम के पोर्टल पर भी पूरे मामले में दोषमुक्त होने की जानकारी दी गयी है. विभागीय को-अॉर्डिनेशन की कमी की वजह से एक बार फिर उसी मामले में जांच का आदेश दिया गया है. 27-28 जनवरी तक जांच रिपोर्ट व साक्ष्य प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है.
क्या है पूरा मामला
राज्य में 2015-2016 में इंटर व स्नातक प्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. जिस वक्त यह नियुक्ति हुई थी उस वक्त बांके बिहारी सिंह धनबाद के डीएसइ थे. इस नियुक्ति में पारा शिक्षकों को गैर पारा का लाभ दिया गया था, जबकि कुछ शिक्षकों ने जाली सर्टिफिकेट प्रस्तुत कर नौकरी पा ली. पूरे मामले की जांच डीएसइ द्वारा ही की गयी, जिसमें उक्त सभी गलत बहाल हुए शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द किया गया, लेकिन इसी बीच डीएसइ भूमिका को लेकर झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की शिकायत के बाद विभाग के साथ ही सीएम व पीएम से पूरे मामले में जांच का आदेश दिया था. सचिव के स्तर से हजारीबाग आरडीडीइ व डीएसइ धनबाद को जांच पदाधिकारी बनाते हुए जांच की गयी. इसकी एक कॉपी धनबाद डीसी को भी दी गयी थी. हजारीबाग आरडीडीइ व डीएसइ धनबाद ने जांच कर विभाग के सचिव को भेजा था, जिसमें क्लीन चिट दिया गया, लेकिन डीसी के पास जांच से संबंधित जो पत्र भेजा गया था, उसी पत्र के आलोक में नये सिरे से जांच शुरू हुई.
इस पूरे मामले में क्लीन चिट मिल गया है. फिर से जांच हो, कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन जिस मामले में दोषमुक्त हो चुका हूं, उसी मामले में फिर से जांच होने की वजह से मानसिक रूप से थोड़ा परेशान जरूर हूं. गलत नहीं हूं, हर जांच से गुजरने को तैयार हूं, लेकिन यह सही है कि इससे विभागीय कार्य प्रभावित होता है.
बांके बिहारी सिंह, डीएसइ
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