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बोनस समझौता रात के अंधेरे में नहीं: महामंत्री
जमशेदपुर. मोटर्स में इस साल बोनस समझौता रात के अंधेरे में नहीं होगा. उक्त बातें टीएमएल एंड ड्राइव लाइंस वर्कर्स यूनियन के महामंत्री आरके सिंह ने प्रभात खबर से बातचीत के क्रम में कहीं. पिछले साल टेल्को वर्कर्स यूनियन ने 5 अक्तूबर को रात में बोनस समझौता पर हस्ताक्षर किया था. मंगल को भी नहीं […]
जमशेदपुर. मोटर्स में इस साल बोनस समझौता रात के अंधेरे में नहीं होगा. उक्त बातें टीएमएल एंड ड्राइव लाइंस वर्कर्स यूनियन के महामंत्री आरके सिंह ने प्रभात खबर से बातचीत के क्रम में कहीं. पिछले साल टेल्को वर्कर्स यूनियन ने 5 अक्तूबर को रात में बोनस समझौता पर हस्ताक्षर किया था.
मंगल को भी नहीं बनी सहमति : मंगलवार को भी टाटा मोटर्स प्रबंधन और टीएमएल एंड ड्राइव लाइंस वर्कर्स यूनियन के बीच डेढ़ घंटे चली बोनस वार्ता विफल हो गयी. सात दौर की वार्ता के बाद भी बोनस समझौता को लेकर सहमति नहीं बन सकी. प्रबंधन वित्तीय वर्ष 2016-17 में टाटा मोटर्स को कुल 2479.49 करोड़ रुपये घाटा का हवाला देते रहा. वार्ता में प्रबंधन की ओर से मैन्युफैक्चरिंग हेड एबी लाल, प्लांट हेड संपत कुमार, इआर हेड दीपक कुमार, यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते, महामंत्री आरके सिंह मौजूद थे.
2015 में मिला था 10 प्रतिशत बोनस : साल 2015 में टेल्को वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष अमलेश, महामंत्री प्रकाश के नेतृत्व में नयी टीम ने 321 बाइ सिक्स का स्थायीकरण और 10 प्रतिशत बोनस दिलाया था. जबकि 2015 में कंपनी को इस साल से ज्यादा घटा हुआ था. ऐसे में यूनियन का प्रयास होगा कि वह दो तीन प्रतिशत ज्यादा जाकर बोनस कराये. नयी यूनियन ग्रेड रिवीजन के साथ स्थायीकरण नहीं करा सकी है.
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