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मीठा तालाब सुंदरीकरण व पार्क निर्माण अधर में लटका

हाल. डीपीआर में गड़बड़ी, नहीं हुई त्रुटियों में सुधार, नतीजा हजारीबाग : शहर के बहुचर्चित मीठा तालाब के सुंदरीकरण व पार्क निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ है. केंद्र प्रायोजित अमृत योजना के तहत इस कार्य की प्राक्कलित राशि 1.03 करोड़ 50806 रुपये है. कार्य का एग्रीमेंट नौ जनवरी-2017 को मेसर्स विनय कुमार के […]

हाल. डीपीआर में गड़बड़ी, नहीं हुई त्रुटियों में सुधार, नतीजा
हजारीबाग : शहर के बहुचर्चित मीठा तालाब के सुंदरीकरण व पार्क निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ है. केंद्र प्रायोजित अमृत योजना के तहत इस कार्य की प्राक्कलित राशि 1.03 करोड़ 50806 रुपये है. कार्य का एग्रीमेंट नौ जनवरी-2017 को मेसर्स विनय कुमार के नाम से हुआ.
यहां तालाब का सुंदरीकरण व पार्क का निर्माण कार्य जुलाई- 2017 तक पूरा करना था. इसका शिलान्यास नगर निगम अध्यक्ष अंजलि कुमारी व उपाध्यक्ष आनंद देव ने किया था, लेकिन आठ माह बीतने के बाद भी सुंदरीकरण एवं पार्क निर्माण कार्य नहीं हुआ.
तकनीकी गड़बड़ी के कारण काम शुरू होने के साथ ही बंद हो गया. इसकी डीपीआर मास एंड वाइड कंपनी, दिल्ली ने तैयार की है. इसमें 1.63 करोड़ रुपये का प्राक्कलन तैयार किया गया था, जिसके बाद 1.15 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला गया.इसके बाद 10 प्रतिशत कम राशि पर एग्रीमेंट हुआ. डीपीआर के अनुसार निर्माण कार्य में कई त्रुटियां हैं. इस कारण कारण संवेदक ने कार्य करने से इनकार कर दिया.
क्या-क्या होना है निर्माण: मीठा तालाब पार्क में बच्चों के मनोरंजन के लिए झूला समेत पाथ-वे, टॉयलेट, हॉर्टीकल्चर, मुख्य द्वार, विद्युतीकरण, वाटर सप्लाई, लोगों के बैठने के लिए सीट, प्लांट, चहारदीवारी, पीसीसी पथ, खेल सामग्री, बागीचा आदि बनाना है, लेकिन फिलहाल जगह-जगह गड्ढों को खोद कर छोड़ दिया गया है. सीढी के पास खुदाई होने से कई हरे भरे पेड़ भी गिर गये हैं. तालाब के चारों ओर घुमनेवाले लोगों को परेशानी हो रही है.
त्रुटियों को किया गया नजरअंदाज:
योजना के कनीय अभियंता विश्वनाथ सिंह ने बताया धरातल पर क्या काम होना है, यह स्पष्ट नहीं है. इसमें कई प्रकार त्रुटियां हैं. त्रुटि सुधार के लिए डीपीआर तैयार करनेवाले परामर्शी कंपनी को भी बुलाया गया, लेकिन इन त्रुटियों को नजरअंदाज किया गया. इसकी शिकायत शहरी राज्य विकास अभिकरण से भी की गयी है. उन्होंने कहा कि पार्क की चहारदीवारी 1600 फीट है, जबकि डीपीआर में मात्र 300 फीट दर्शाया गया है.
इसमें डेढ़ फीट ऊंचाई व तीन फीट ग्रिल की व्यवस्था की गयी है. पीसीसी पथ पर दो ईंच ढलाई है, लेकिन ढलाई के पूर्व सोलिंग का काम नहीं दिया गया है. शौचालय निर्माण करना है. इसमें भी सेफ्टी टंकी की व्यवस्था नहीं है. पार्क में ड्रेन की व्यवस्था नहीं है.

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